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आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है, खौफनाक अंजाम की ओर बढ़ रहा यूक्रेन युद्ध! परमाणु हमला तय?

jantaserishta.com
26 March 2022 6:24 AM GMT
आखिर पुतिन के दिमाग में चल क्या रहा है, खौफनाक अंजाम की ओर बढ़ रहा यूक्रेन युद्ध! परमाणु हमला तय?
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नई दिल्ली: यूक्रेन-रूस वॉर में सीजफायर जैसे कोई हालात बनते नजर नहीं आ रहे हैं. यहां स्थिति और भी बिगड़ती नजर आ रही है. इस बीच पश्चिमी देशों को धमकाने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर अटलांटिक महासागर में अपने परमाणु पनडुब्बियों को रवाना कर दिया है. उत्तर अटलांटिक महासागर के आस-पास ही यूरोप के कई देश मौजूद हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को अंजाम भुगतने की धमकी देने के एक दिन बाद परमाणु पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक में भेज दिया है. बता दें कि पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण के कुछ समय बाद ही अपने न्यूक्लियर डिटरेंट फोर्सेज को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था. अब कई रूसी पनडुब्बियां जो कि 16 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं, उत्तरी अटलांटिक महासागर में उतर गई हैं. पश्चिम देशों की खुफिया एजेंसियां पुतिन के न्यूक्लियर हथियारों के जखीरे पर पैनी नजर रखी हुई है.
हाल के दिनों में रूस की सीमाओं को लेकर महात्वाकांक्षी रहे पुतिन के पास 4,447 परमाणु हथियारों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु जखीरा है. इनमें से हजारों न्यूक्लियर हथियार ऐसे विकसित किए गए हैं कि जो शत्रु के खास ठिकाने को पूरी तरह से तहत-नहस कर सकते हैं. जबकि इससे व्यापक विनाश नहीं होता है. सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि इन हथियारों का इस्तेमाल इतना आसान नहीं है लेकिन रूस के वैज्ञानिक बमों और मिसाइलों को लेकर खासे निपुण हैं.
एक पश्चिमी अधिकारी के अनुसार, इस युद्ध में अब तक यूक्रेन को टारगेट कर दागी गई मिसाइलों में परमाणु हथियारों को लोड करने का कोई सबूत नहीं मिला है. अटलांटिक काउंसिल में स्कोक्रॉफ्ट स्ट्रैटेजी इनिशिएटिव के निदेशक डॉ मैथ्यू क्रोनिग ने एजेंसी को बताया कि पुतिन ने दो कारणों से अपने परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखता है.
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे रूस के परमाणु हमले के चपेट में आने की आशंका कम हो जाएगी क्योंकि रूस का ही सारा हथियार एक स्थान पर होगा. और दुश्मन को जोरदार पलटवार का डर सताएगा. दूसरे स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर होने की वजह से जरूरत पड़ने पर उन्हें आसानी से लॉन्च किया जा सकता है. इसलिए रूस अपने न्यूक्लियर डेटरेंट को अलर्ट पर रखता है. पश्चिमी विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन युद्ध में खतरनाक दिखने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल पुतिन पश्चिम को संदेश देना चाहते हैं कि पश्चिमी देश इस युद्ध से बाहर रहे.
डॉ क्रोनिग ने कहा कि पुतिन ने 2014 में क्रीमिया के विलय के दौरान भी इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया था. उन्होंने आगे कहा, "यह घटनाक्रम चीजों को और अधिक खतरनाक बना देता है, लेकिन रूस ने 2014 में ऐसा किया था, और वे एक आक्रामक रणनीति के रूप में परमाणु डेटरेंट का उपयोग करते हैं.
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