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अमेरिका में 9 महीने पहले ही आपात इस्तेमाल के बाद अब फाइजर कोरोना टीके के पूर्ण इस्तेमाल की मिली इजाजत

Kunti Dhruw
23 Aug 2021 4:00 PM GMT
अमेरिका में 9 महीने पहले ही आपात इस्तेमाल के बाद अब फाइजर कोरोना टीके के पूर्ण इस्तेमाल की मिली इजाजत
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अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और उसके जर्मन साझेदार बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना टीके के पूर्ण इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और उसके जर्मन साझेदार बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना टीके के पूर्ण इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। गौरतलब है कि 9 महीने पहले ही फाइजर की वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी।

एफडीए की कमिश्नर जैनेट वुडकॉक ने कहा है कि इस वैक्सीन को मंजूरी मिलना एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि जहां पहले ही करोड़ो लोग इस वैक्सीन को लगवा चुके हैं, वहीं अब एफडीए के फैसले से बाकी लोगों में भी कोरोना वैक्सीन लगवाने का विश्वास पैदा होगा। बता दें कि यह दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसे किसी देश में पूर्ण मंजूरी मिली है।
कैसे मिली मंजूरी?: एफडीए की ओर से वैक्सीन को मंजूरी इसके 9 महीने के डेटा के विश्लेषण के बाद दी गई है। विशेषज्ञों ने टीके के तैयार हो जाने के बाद इसकी लंबी अवधि में निगरानी की। बताया गया है कि इस वैक्सीन के प्रभाव को लेकर 40 हजार लोगों पर स्टडी की गई।
अमेरिकी सेना ने इससे पहले ही कहा था कि वह वैक्सीन को पूर्ण मंजूरी मिलने के बाद अपने सैनिकों के लिए इसे अनिवार्य कर देगी। माना जा रहा है कि इसके बाद निजी कंपनियां और यूनिवर्सिटीज में भी इस वैक्सीन को लगवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
बता दें कि अमेरिका ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को 12 दिसंबर 2020 को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। एफडीए ने तब बताया था कि उसके टीके में संदेशवाहक आरएनए है जो एक जैविक सामग्री है। इसमें सार्स-सीओवी-2 के एमआरएनए का लघु अंश है जो रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को सार्स-सीओवी-2 के लिए प्रतिरक्षा विकसित करने को प्रेरित करता है।
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