भारत ने अफगानिस्तान में करीब 10 महीने बाद फिर राजनयिक उपस्थिति दर्ज कराई है। हालांकि अभी काबुल के दूतावास में सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञ भेजे गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से भारत ने दूतावास से सभी अधिकारियों को सुरक्षा वजहों से हटा लिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, एक तकनीकी टीम काबुल पहुंच चुकी है और दूतावास में तैनात की गई है। यह टीम अफगानों के साथ हमारे संबंध बढ़ाने और मानवीय सहायता की प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा, काबुल के दूतावास को बंद नहीं किया गया था। केवल भारतीय कर्मियों को बुलाया गया था। स्थानीय स्टाफ काम कर रहा था। माना जा रहा है कि तालिबान सरकार ने भारत को दूतावास खोलने का फैसला करने पर पर्याप्त सुरक्षा का भरोसा दिया है। तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खि ने ट्वीट किया, इस्लामिक अमीरात काबुल में राजनयिकों और तकनीकी टीम को भेजने के भारत के फैसले का स्वागत करता है। बल्खि ने कहा, अफगानिस्तान में भारतीय राजनयिकों की वापसी और दूतावास को फिर से खोलना दर्शाता है कि देश में सुरक्षा कायम है। एजेंसी