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मैं सरकारों से स्वास्थ्य में निवेश करने और अगले रोगजनक से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह करता हूं, जो हम पर असर डालेंगे।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि अफ्रीकी क्षेत्र में औसत जीवन प्रत्याशा में 2000 और 2019 के बीच प्रति व्यक्ति औसतन 10 वर्ष की वृद्धि हुई है। यह इस अवधि में दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी आगाह किया है कि इसी अवधि के अंत में कोविड-19 के आने से इस पर बुरा असर पड़ सकता है।
अफ्रीकी क्षेत्र में जीवन प्रत्याशा में 10 वर्ष का इजाफा
ब्रेजाविल में अपने मुख्यालय से शुक्रवार को एक आनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान 'डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र 2020 में ट्रैकिंग यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' नामक एक रिपोर्ट का विवरण साझा करते हुए वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि अफ्रीकी क्षेत्र में जीवन प्रत्याशा 2019 में बढ़कर 56 वर्ष हो गई, जबकि 2000 में यह 46 वर्ष थी।
वैश्विक जीवन प्रत्याशा में पांच वर्ष का इजाफा
रिपोर्ट में कहा गया है, अफ्रीका में जीवन प्रत्याशा में वृद्धि अभी भी वैश्विक औसत 64 से काफी नीचे है। इसी अवधि में वैश्विक स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में केवल 5 वर्षों की वृद्धि हुई है। अफ्रीका में इस बढ़ी हुई जीवन प्रत्याशा के कारणों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान में सुधार, प्रजनन, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य में वृद्धि और संक्रामक रोगों के खिलाफ लड़ाई में प्रगति शामिल है।
विशेष रूप से, 2005 से एचआईवी, तपेदिक और मलेरिया नियंत्रण उपायों में तेजी से वृद्धि ने स्वस्थ जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में मदद की। अफ्रीकी महाद्वीप पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवा कवरेज में सुधार होकर 2019 में 46 प्रतिशत हो गया, जबकि 2000 में यह 24 प्रतिशत था।
उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मामलों में इजाफा
हालांकि जहां संक्रामक रोगों को रोकने और उनका इलाज करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं, वहीं इन बीमारियों को लक्षित करने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी जीवन शैली की बीमारियों में भी नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।
अधिक लोग जी रहे स्वस्थ जीवन
अफ्रीका के लिए क्षेत्रीय निदेशक डा मत्शिदिसो मोएती (Dr Matshidiso Moeti) ने कहा, 'पिछले दो दशकों के दौरान स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में तेज वृद्धि बेहतर स्वास्थ्य और जनसंख्या की भलाई के लिए क्षेत्र के अभियान का एक प्रमाण है। इसका मतलब है कि संक्रामक रोगों के कम खतरों के साथ और बीमारी की रोकथाम सेवाओं तक बेहतर पहुंच के साथ अधिक लोग स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
अन्य बीमारियों पर दें ध्यान
मोइती ने अन्य बीमारियों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'जब तक देश कैंसर और अन्य गैर-संचारी रोगों के खतरे के खिलाफ उपायों को नहीं बढ़ाता, तब तक स्वास्थ्य लाभ खतरे में पड़ सकता है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों के लिए अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बजट में अधिक योगदान देना महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य बजट में कमी
इसमें कहा गया है कि अफ्रीका में अधिकांश सरकारें अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बजट के 50 प्रतिशत से भी कम का फंड देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप बड़े फंडिंग गैप होते हैं। केवल अल्जीरिया, बोत्सवाना, काबो वर्डे, इस्वातिनी, गैबान, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बजट के 50 प्रतिशत से अधिक का फंड देते हैं।
स्वास्थ्य में निवेश करना जरूरी
मोइती ने कहा, 'COVID-19 ने दिखाया है कि देश की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य में निवेश करना कितना महत्वपूर्ण है। अफ्रीका जितना बेहतर महामारी और अन्य स्वास्थ्य खतरों का सामना कर सकता है, उतना ही हमारे लोग और अर्थव्यवस्थाएं फलती-फूलती हैं। मैं सरकारों से स्वास्थ्य में निवेश करने और अगले रोगजनक से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह करता हूं, जो हम पर असर डालेंगे।'
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