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पाकिस्तान ले जाने के लिए तस्करों द्वारा 5,000 से 6,000 रुपये तक भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था।
पाकिस्तान द्वारा अफगानियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तानी सीमा से जुड़े स्पिन बोल्डक में अफगानी मर रहे हैं। महीन इस्लामाबाद ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय चौराहे पर अफगानिस्तान से आने वाले लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। सिर्फ पाकिस्तानियों और कंधार प्रांत के कार्डधारकों को ही देश में प्रवेश की अनुमति दी गई है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान सीमा प्रवेश चौकी की तरफ जा रही एक भीड़ में एक शख्स की मृत्यु हो गई थी। वहीं बुधवार को भी यहां दो शख्स की जान चली गई। हालांकि अफगान सीमा पर गश्त करने वालों का दावा है कि डीहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक के कारण यहां कुछ लोगों की मौत हुई है, क्योंकि इन्हें इलाज नहीं मिल सका।
प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए, न्यूयार्क पोस्ट ने बताया कि बुधवार दोपहर को मजाल गेट के पास दो और अफगानों की मौत हो गई। एक महिला ने बताया, 'तीन महीने पहले, मैं वहां (पाकिस्तान) एक डाक्टर के पास गई थी, और डाक्टर के कहने पर मुझे आपरेशन के लिए फिर से पाकिस्तान जाना है। लेकिन वहां मुझे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।' एक अन्य ने कहा, 'यह बहुत मुश्किल है, पाकिस्तान किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा है। वे अफगान राष्ट्रीय आईडी (तजकिरा) को स्वीकार नहीं करते हैं।' इन इलाकों में गश्त करने वाले तालिबान पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये क्षेत्र सैन्य क्षेत्र बन गए हैं।
सीमा क्षेत्र के प्रभारी मोहम्मद सादिक सबरी ने कहा, 'पाकिस्तान समस्याएं पैदा कर रहा है। कंधार लोगों को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमित को लेकर हम दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। इसके बदले में चमन और क्वेटा के लोग राष्ट्रीय आइडी का उपयोग करके अफगानिस्तान में प्रवेश कर सकते हैं।'
न्यूयार्क पोस्ट ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र सहित कई सार्वजनिक सेवाओं ने परिचालन रोक दिया है। इस बीच, तालिबान पाकिस्तान से तत्काल मानवीय आधार पर सीमा खोलने का आह्वान कर रहा है।
वहीं, पाकिस्तान ने तर्क दिया है कि उसने दो दशक के युद्ध में अब तक सबसे अधिक अफगान शरणार्थियों को शरण दी है। इस्लामाबाद के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में देश में लगभग 14 लाख पंजीकृत शरणार्थी हैं और अनुमानित रूप से 20 लाख से अधिक का कोई रिकार्ड नहीं है।
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा को देखते हुए वह और ज्यादा शरणार्थियों को शरण नहीं दे सकता है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जे के बाद अब तक लगभग 10,000 शरणार्थी पाकिस्तान पहुंचे हैं। वहीं, पझवोक अफगान न्यूज ने बताया कि कई परिवारों को पाकिस्तान ले जाने के लिए तस्करों द्वारा 5,000 से 6,000 रुपये तक भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था।
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