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अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने किया एलान, लड़कियों के हाई स्कूल मार्च में खोल दिए जाएंगे

Apurva Srivastav
24 Jan 2022 6:25 PM GMT
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने किया एलान, लड़कियों के हाई स्कूल मार्च में खोल दिए जाएंगे
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अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एलान किया है कि लड़कियों के हाई स्कूल मार्च में खोल दिए जाएंगे। अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद देश के शैक्षणिक संस्थानों में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगा दी गई थी।

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एलान किया है कि लड़कियों के हाई स्कूल मार्च में खोल दिए जाएंगे। अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद देश के शैक्षणिक संस्थानों में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही महिलाओं और युवतियों को बाहर काम करने से भी रोक दिया गया था। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में मार्च से साल की शुरुआत होती है।

यह सौर वर्ष का भी पहला महीना होता है। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी एक बयान में प्रवक्ता अजीज अहमद रेयान ने कहा कि तालिबान बालिका शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अभी लड़कियों के लिए हाई स्कूल इसलिए नहीं खोले गए हैं, क्योंकि वहां उनके लिए अलग व्यवस्था की जा रही है।
वहीं अमेरिका में छात्रवृत्ति के माध्यम से पढ़ाई कर रहे कई अफगान छात्रों ने कहा है कि वे लोग घर लौटने में असमर्थ हैं। छात्रों का कहना है कि वर्तमान तालिबान शासनकाल में उनकी जान पर खतरा है।पिछले शैक्षणिक वर्ष में 100 से ज्यादा अफगान छात्रों को पूर्ण छात्रवृत्ति कार्यक्रम का लाभ मिला।
वायस आफ अमेरिका (वीओए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शर्तों के अनुसार, शैक्षणिक कार्यक्रम पूरा होने के बाद छात्रों को स्वदेश लौटना होगा। लेकिन उनके देश में अब बहुत कुछ बदल गया है और अफगान छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। इनमें से कुछ छात्र अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने से कुछ दिन पहले ही आए थे। जैसे ही संघर्ष शुरू हुआ काबुल में अमेरिकी दूतावास को बंद कर दिया गया।
मरयाम रायेद पिछले साल अगस्त में वाशिंगटन स्थित जार्जटाउन यूनिवर्सिटी में लोकतंत्र एवं शासन में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने के लिए आया। रायेद ने वीओए से कहा, 'मैं इस वास्तविकता को समझ गया हूं कि मैं अपने प्रिय देश अफगानिस्तान लौट नहीं सकता। वहां काम करना संभव नहीं रह गया है।'
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