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व्हाइट हाउस के सामने अफगानिस्तान के NRF ने किया विरोध, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा तालिबान को मान्यता देने के प्रयासों पर फूटा गुस्सा

Bhumika Sahu
31 Jan 2022 6:08 AM GMT
व्हाइट हाउस के सामने अफगानिस्तान के NRF ने किया विरोध, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा तालिबान को मान्यता देने के प्रयासों पर फूटा गुस्सा
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संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने का प्रयास किया जा रहा है जिसे लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) ने व्हाइट हाउस के सामने 30 जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश में बहुत कुछ बदल गया है। पूरी दुनिया इस बात की गवाह रही है कि किस तरह से तालिबानी अधिग्रहण के बाद, अफगानिस्तान के लोगों में दहशत फैल गई थी। बता दें कि तालिबानियों ने अगस्त में देश को अपने अधिकार में ले लिया था।‌ एक लंबा वक्त गुजरने के बाद, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) ने व्हाइट हाउस के सामने 30 जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) ने किया विरोध
अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के बाद से ही महिलाओं के अधिकारों के संबंध में ढेरों फरमान जारी किया जा चुका है। इस्लामिक कानूनों का हवाला देते हुए महिलाओं के मौलिक अधिकारों को दबाया गया। वहीं अब देश में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश महामारी, आर्थिक संकट, सूखे -भुखमरी, वर्षा के संघर्षों के साथ-साथ ढेरों परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने के प्रयास का अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा ने जमकर विरोध किया। आपको बता दें कि अफगान महिला अधिकार कार्यकर्ता खालिदा नवाबी और कार्यकर्ता नासिर सबीर के नेतृत्व में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (NRF) के लगभग 50 समर्थकों ने व्हाइट हाउस के सामने 30 जनवरी को जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का फूटा गुस्सा
प्रदर्शनकारियों ने तालिबान शासन के तहत अफगान में महिलाओं की दयनीय स्थिति पर अपना गुस्सा व्यक्त किया है। व्हाइट हाउस के सामने विरोध करते हुए (NRF) ने मांग रखी कि महिला प्रदर्शनकारियों सहित तालिबान द्वारा आयोजित सभी अफगान प्रदर्शनकारियों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (NRF)
15 अगस्त को काबुल के पतन के बाद, जब सबने अपने हाथ खड़े कर लिए थे, तब NRF तालिबान से लड़ने वाले दिवंगत पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व वाला
इकलौता समूह बचा रहा। बता दें कि इस्लामिक स्टेट और एनआरएफ दोनों देश में सक्रिय हैं। अफगान मीडिया ने कहा कि तालिबान इन दोनों समूहों दबाने में लगा रहता है।


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