विश्व

एम्बेसी छोड़ गए अफगानिस्तान के राजदूत, तालिबान के आने के बाद से नहीं मिल रही थी सैलरी

Renuka Sahu
13 Jan 2022 2:19 AM GMT
एम्बेसी छोड़ गए अफगानिस्तान के राजदूत, तालिबान के आने के बाद से नहीं मिल रही थी सैलरी
x

फाइल फोटो 

चीन में अफगानिस्तान के राजदूत जाविद अहमद काएम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन में अफगानिस्तान (Afghanistan) के राजदूत जाविद अहमद काएम (Afghanistan Ambassador to China Javid Ahmad Qaem) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर बताया कि देश पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद उन्हें कई महीनों से सैलरी नहीं मिल रही थी. जनवरी में एक लेटर पोस्ट करते हुए काएम ने कहा कि दूतावास (Embassy) के कई राजनयिक पहले ही अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं, क्योंकि अगस्त से बाद से काबुल (Kabul) से उन्हें सैलरी नहीं मिली.

अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से मानवीय संकट (Humanitarian Crisis) भी गहराता जा रहा है. जाविद अहमद काएम ने बताया कि दूतावास के लिए नए शख्स को नियुक्त किया गया है, जिसका नाम सादत है. हालांकि, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी. ना ही ये बताया है कि कएम की जगह कौन लेगा. उन्होंने कहा, ' चाभियां दफ्तर में रखी हैं. नौकरी छोड़ने के कई कारण हैं, निजी और प्रोफेशनल दोनों. लेकिन मैं उन्हें यहां बताना नहीं चाहता.'
काएम ने बताया कि एक जनवरी तक दूतावास के एक बैंक अकाउंट में 100,000 डॉलर बचे थे. साथ ही दूसरे अकाउंट में कितना पैसा है, इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि दूतावास की पांच कारों की चाभियां उन्होंने दफ्तर में छोड़ दी हैं और दो कारों को हटाने की जरूरत है.
तालिबान ने बीते साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया था. इसी दिन देश की पश्चिम समर्थित अशरफ गनी सरकार भी गिर गई. अब तक सिर्फ चीन, पाकिस्तान और रूस ने तालिबान की सरकार को मान्यता दी है. तालिबान के आने से अफगानिस्तान पर कई प्रतिबंध लग गए, जिसके कारण इस देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है.
स्थानीय कर्मियों का पूरा भुगतान किया
जाविद अहमद काएम ने बताया, 'मैंने स्थानीय कर्मियों को 20 जनवरी, 2022 तक का भुगतान कर दिया है. उनकी नौकरी अब खत्म हो गई है.' तालिबान का आना चीन के लिए भी अच्छी बात नहीं है. क्योंकि उसे डर है कि शिंजियांग (Xinjiang) को देश से अलग करने की चाह रखने वाले लोग अफगानिस्तान में रह रहे हैं. यही वजह है कि चीन बार-बार तालिबान से उदारवादी नीतियां अपनाने को कहा रहा है. और बाकी देशों की तरह उसका विरोध करने से बच रहा है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि काएम चीन छोड़कर जा चुके हैं. उन्होंने ये नहीं बताया कि वह कहां और कब जाएंगे. चीन पर आरोप हैं कि वह शिंजियांग में रहने वाले उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है. चीन ने पश्चिमी देशों से भी कहा है कि अफगानिस्तान पर से प्रतिबंध हटाकर उस तक मदद पहुंचाई जाए.
Next Story