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पोलैंड ने बुधवार को कहा कि वह सुरक्षा संबंधी चिंताओं की वजह से काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लोगों को निकालने के अपने अभियान को रोक रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पोलैंड ने कहा कि अमेरिका की अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की 31 अगस्त की समयसीमा नजदीक आने पर उसने युद्धग्रस्त देश से लोगों को लाने वाले विमानों को रोक दिया है. उप विदेश मंत्री मार्सिन प्राइजीडाक्ज ने बुधवार को कहा कि काबुल से आने वाला एक समूह पोलैंड (Poland) द्वारा विमान से लाया जाने वाला आखिरी दल है और यह अभी उज्बेकिस्तान में है.
पोलैंड के उप विदेश मंत्री मार्सिन प्राइजीडाक्ज (Marcin Przydzcz) ने बताया कि उनका एक और विमान वॉरसॉ के रास्ते में है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के अधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद फैसले लिए गए. उन्होंने कहा, "सुरक्षा स्थिति पर रिपोर्टों के लंबे विश्लेषण के बाद हम अपने राजनयिकों और सैनिकों की जान खतरे में नहीं डाल सकते."
अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान को रोका
पोलैंड ने बुधवार को कहा कि वह सुरक्षा संबंधी चिंताओं की वजह से काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लोगों को निकालने के अपने अभियान को रोक रहा है. वहीं पश्चिमी देश, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर भाग रहे लोगों की मदद करने वाले अभियान को खत्म करने को तैयार हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन पहले ही कहा है कि वह काबुल से लोगों को निकालने के जोखिम भरे अभियान को पूरा करने की 31 अगस्त की सीमा पर अटल हैं. इसके बाद पोलैंड ने उक्त निर्णय लिया है.
उप विदेश मंत्री मार्सिन प्राइजीडाक्ज ने कहा कि कई सैनिक कुछ प्रक्रिया पूरी करने के लिए कुछ समय के लिए देश में रहेंगे जिनमें बेस को बंद करना भी शामिल है. पोलैंड ने सैड़कों लोगों को वॉरसॉ लाने के लिए एक एक दर्जन से अधिक विमानों का इस्तेमाल किया.
सैनिकों के जान का खतरा
हाल ही में पोलैंड के राष्ट्रपति ने अपने तथा सहयोगी देशों के नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सेना के 100 जवानों के एक दल को वहां तैनात करने की मंजूरी दे दी थी. अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते हुए प्रभाव के मद्देनजर पोलैंड को सेना की जान पर खतरा का डर सताने लगा है.
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