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Afghanistan: कंधार एयरपोर्ट पर रॉकेट से किया गया हमला, अफगान सुरक्षा बलों और तालिबानी लड़ाकों के बीच जंग जारी
Renuka Sahu
1 Aug 2021 5:03 AM GMT
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फाइल फोटो
अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला किया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) के कंधार एयरपोर्ट (Kandhar Airport) पर रॉकेट से हमला (Rockets Attack) किया गया है. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. तालिबान (Taliban) के लड़ाकों ने कंधार को चारों ओर से घेर लिया है और वर्तमान में शहर में अफगान सुरक्षा बलों (Afghan Security Forces) के साथ युद्ध जारी है. एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने रविवार को समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए बताया कि देर रात कम से कम तीन रॉकेट दक्षिणी अफगानिस्तान में स्थित कंधार एयरपोर्ट (Rockets hit on Kandhar Airport) पर आकर गिरे.
तालिबान ने अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने के लिए अपने अभियान को तेज कर दिया है. देश के अधिकतर हिस्से में अफगान सुरक्षा बलों और तालिबानी लड़ाकों के बीच जंग जारी है. कंधार एयरपोर्ट प्रमुख मसूद पश्तून ने एएफपी को बताया कि कल रात हवाई अड्डे पर तीन रॉकेट दागे गए और उनमें से दो रनवे से टकरा गए. इस वजह से एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. ये हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब तालिबान के लड़ाकों ने हेरात, लश्कर गाह और कंधार को चारों ओर से घेर लिया है. सितंबर तक विदेशी बलों की वापसी के ऐलान के बाद से ही तालिबान ने देश के ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त बढ़त हासिल की है.
क्या हैं कंधार के मौजूदा हालात?
वहीं, कंधार के एक सांसद ने बीबीसी को बताया कि कंधार के तालिबान के हाथों में जाने का खतरा मंडराने लगा है. यहां पर तालिबान के लड़ाके घुस चुके हैं और सुरक्षा बलों के साथ लगातार जंग लड़ रहे हैं. अभी तक युद्ध की वजह से कंधार से दसियों हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं. इन लोगों ने पाकिस्तान, ईरान जैसे मुल्कों में जाकर शरण ली है. इसके अलावा कंधार में मानवीय आपदा आने का खतरा भी मंडराने लगा है. दरअसल, तालिबान कंधार पर इसलिए भी कब्जा जमाना चाहता है, ताकि इसे संगठन की अस्थायी राजधानी बनाई जा सके. बता दें कि तालिबान का जन्म कंधार में ही हुआ था.
पाक, चीन समेत चार देश अफगानिस्तान संकट पर करेंगे चर्चा
अफगानिस्तान को एक और गृहयुद्ध की चपेट में जाने से रोकने के प्रयासों के तहत पाकिस्तान, अमेरिका, रूस और चीन के वरिष्ठ अधिकारी 11 अगस्त को दोहा में बैठक करेंगे. तथाकथित 'विस्तारित ट्रोइका' की बैठक अमेरिका और नाटो बलों की अफगानिस्तान से वापसी की शुरुआत के बाद से युद्धग्रस्त देश में अफगान तालिबान द्वारा तेजी से पैठ बनाने की पृष्ठभूमि में हो रही है. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार, इन चार प्रमुख देशों के विशेष प्रतिनिधि पिछली बार अप्रैल में दोहा, कतर में मिले थे और इनके पहले भी अघोषित सत्र हुए हैं.
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