यूके के प्रधानमंत्री अफगानिस्तान पर होने वाली बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा उठाने वाले हैं. 24 अगस्त को अफगान संकट पर जी-7 की अहम बैठक होने वाली है. ब्रिटिश पीएम ने कहा है कि 20 वर्षों से लगातार संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान को मदद की जरूरत है. वहां चल रहे संकट को खत्म करने के लिए लोगों को एकजुट होना होगा. अफगानिस्तान के राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि तालिबान और राजनीतिक नेताओं के बीच बैठकों के बावजूद भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था को लेकर कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई है. हालांकि नेताओं ने कहा है कि ऐसी राजनीति हो जो पूरे अफगान राष्ट्र की आकांक्षाओं को दर्शाए. कुछ नेताओं ने कहा कि अफगान राजनीतिक नेताओं और तालिबान के बीच हाल की बैठकें केवल परामर्श के रूप में आयोजित की गईं. भविष्य की व्यवस्था के बारे में कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई.
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है. भारत भी अफगान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन चला रहा है. रक्षाबंधन पर सुबह रविवार को भी काबुल से फ्लाइट भारत में लैंड हुई है. इसमें कुल 168 भारतीय वापस आए हैं. वहीं पंजशीर में फिर तालिबान को बड़ी चुनौती मिली है.