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जल्द शुरू होगी अफगानिस्तान-भारत के बीच फ्लाइट सर्विस, तालिबान ने अब्दुल्ला-अब्दुल्ला को दी वापसी की इजाजत

Renuka Sahu
12 Jun 2022 2:34 AM GMT
Afghanistan-India flight service will start soon, Taliban allow Abdullah-Abdullah to return
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फाइल फोटो 

संबंधों में सुधार के संकेतों के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान और भारत के बीच हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संबंधों में सुधार के संकेतों के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान और भारत के बीच हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की है. द ट्रिब्यून में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक संभवतः अगले सप्ताह से दोनों देशों के बीच फ्लाइट सर्विस शुरू हो जाए. इस बीच तालिबान ने राष्ट्रीय सुलह के लिए गठित उच्च परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला को भी भारत से अफगानिस्तान लौटने की अनुमति दे दी है. हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्ववर्ती सरकार में बनाए गए कुछ विभागों और गठित की गई संस्थाओं को भंग कर दिया था, राष्ट्रीय सुलह के लिए गठित उच्च परिषद भी उनमें से एक था.

अफगानिस्तान की प्रमुख एयरलाइंस कंपनी एरियाना अफगान के प्रमुख रहमतुल्ला आगा ने घोषणा की कि जल्द ही भारत, चीन और कुवैत के लिए उड़ानें फिर से शुरू होंगी, लेकिन ध्यान नई दिल्ली पर था. उन्होंने कहा, 'जल्द ही भारत के लिए उड़ानें शुरू होंगी, जहां बहुत सारी चीजें करनी हैं. हमारे कई यात्री इलाज के लिए वहां मौजूद हैं. चीन और कुवैत के लिए भी हमारी उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी.' भारत के लिए उड़ानें फिर से शुरू करने और डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला को वतन वापसी की अनुमति देने का निर्णय, गत 2 जून को एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अफगानिस्तान दौरे के बाद आया है.
अफगान व्यापारी भारत के साथ ट्रेड शुरू करने का कर रहे समर्थन
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पहली बार 2 जून, 2022 को भारत का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान दौरे पर गया था. काबुल में भारतीय अधिकारियों की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और उप विदेश मंत्री शीर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई के साथ बैठक हुई थी. भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के कदम को अफगान व्यापारियों का समर्थन प्राप्त है. अफगान मीडिया ने अफगानिस्तान चैंबर ऑफ एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक (ACAL) के सदस्य मीरवाइस हाजीजादा के हवाले से कहा, 'भारत का बाजार हमारे कृषि क्षेत्र के लिए एक अच्छा अवसर है. अफगानिस्तान में, यह अब अंगूर, अनार, खुबानी, केसर और औषधीय पौधों का मौसम है.
अब्दुल्ला-अब्दुल्ला की वापसी में अमेरिका के विशेष दूत ने मदद की
लेकिन अफगानिस्तान में स्थिति अधिक जटिल है. डॉ. अब्दुल्ला-अब्दुल्ला की वापसी में अमेरिका के विशेष दूत थॉमस वेस्ट ने भी मदद की. दूसरी ओर तालिबान नेतृत्व और यूरोपीय संघ के बीच तनाव है, जिसके अफगानिस्तान में विशेष दूत ब्रुसेल्स में मिले और महिलाओं के लिए तालिबान की कठोर नीतियों और उनके मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की. ईयू की ओर झुकाव रखने वाले ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी तालिबान पर पंजशीर में युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है और उसके वरिष्ठ अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है.
जबकि 2-3 जून को काबुल में भारतीय टीम ने तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में मानवीय पहलुओं और व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया. एनएसए अजीत डोभाल ने पहले कहा था कि आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है जो क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. यह टिप्पणी UNSC में भारत की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के रूप में आई है, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे भारत विरोधी विदेशी आतंकवादी समूहों की मौजूदगी थी.
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