अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से भारतीयों को निकालने का काम जारी है। जो अभी वहां फंसे हुए हैं, वह जल्द से जल्द निकलने की प्रार्थना कर रहे हैं। हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, बंगाल समेत अन्य राज्यों के लोग अफगानिस्तान में कामकाज के सिलसिले में गए थे। इस रिपोर्ट में जानिए क्या कहते हैं वापसी में सफल रहे लोग और क्या कहना है अफगानिस्तान से लौटने की बाट जोह रहे भारतीयों का:
भारतीय दूतावास के वाट्सएप अलर्ट के बावजूद तालिबानियों के काबुल पहुंचने का गलत अंदाजा लगाकर भारतीय पहले नहीं लौटे। दैनिक जागरण से बातचीत में वहां फंसे भारतीयों ने कहा कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन वतन लौटने का इंतजार कर रहे हैं। होटलों में खाने की दिक्कत आने लगी हैं। लोगों में खौफ है। फरीदाबाद निवासी सुरजीत सिंह करीब 10 साल से वहां एक कंपनी में काम करते हैं। इनके साथ पंचकूला के दिनेश कुमार, पानीपत के रवि मलिक, त्रिपुरा के हीरक, तामिलनाडु के पोथीराज और खिताब अफगानिस्तान में फंसे हैं। सुरजीत ने जागरण को बताया कि भारतीय दूतावास का अलर्ट आता रहा, लेकिन यहां पर लोग कहते रहे कि काबुल पहुंचने में तालिबानियों को दो-तीन माह लग जाएंगे। अफगान सेना पर भरोसा था, लेकिन अब तस्वीर बदली हुई है। साल में तीन बार भारत आते रहे हैं।