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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
काबुल: तालिबान की ओर से अफगानिस्तान पर कब्जा जमाए जाने के करीब एक साल बाद देश के सिनेमाघरों में फिल्मों का शो शरू होने जा रहा है। सिनेमाघरों में शो को अनुमति जरूर दे दी गई है लेकिन महिला कलाकारों की भूमिकाएं बहुत सीमित हैं। तालिबान ने पिछले साल अगस्त के महीने में तालिबान पर कब्जा जमाया था। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने देश में कई तरह के प्रतिबंध भी लगा रखे हैं। खासकर महिलाओं को लेकर तालिबान का रवैया पुराने जैसा ही है।
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 37 फिल्में और डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित होने के लिए लाइन में हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आतिफा मोहम्मदी एकमात्र महिला अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हाल ही में बनी इन फिल्मों में से एक में भूमिका निभाई है। फिल्मों के अभिनेता सिनेमाघरों के फिर से खुलने से खुश हैं और उन्होंने कहा कि उन्हें फिल्मों के निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराना होगा। एक कलाकार अब्दुल साबोर खिनजी ने कहा, एक साल बाद सिनेमा के दरवाजे फिर से खुल गए हैं। हम खुश हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमने अपनी पॉकेट मनी से फिल्मों पर खर्च किया है। मीडिया पोर्टल के अनुसार, एक अन्य कलाकार फैयाज इफ्तिखार ने कहा, हम अपना काम करके खुश थे। काबुल निवासी ज़हरा मुर्तज़ावी ने एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा, 'इस क्षेत्र में महिलाओं को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं का अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की उपस्थिति के बिना कोई फिल्म अच्छी लगती है।'
तालिबान ने पिछले महीने घोषणा की कि महिलाओं और लड़कियों को तब तक अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए जब तक जरूरी न हो। अगर वे बाहर निकल भी रहीं हैं तो पूरे शरीर को ढक कर ही निकलना चाहिए। तालिबानी शासन के इस फरमान से वो लोग हैरा रहे जो 1996 से 2001 तक तालिबान शासन के अंतिम दौर से नहीं गुजरे थे।
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