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बल्ख प्रांत में तालिबान के ठिकानों पर हेलिकाप्टर से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस आपरेशन में तालिबान के 81 आतंकी मारे गए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- काबुल । अफगान सेना ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई में हवाई हमलों के लिए हेलिकाप्टर की मदद लेना भी शुरू कर दिया है। इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान के कत्लेआम को मानवाधिकार संगठन द्वारा उठाने के बाद अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आइसीसी) ने जांच शुरू कर दी है। बल्ख प्रांत में तालिबान के ठिकानों पर हेलिकाप्टर से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस आपरेशन में तालिबान के 81 आतंकी मारे गए।
हवाई हमले में आतंकियों के वाहन और गोलाबारूद पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए। मालूम हो कि तालिबान ने दो सौ से ज्यादा जिलों पर कब्जा कर लिया है। इनको मुक्त कराने के लिए ही अफगान सेना ने तालिबान को खदेड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इस बीच तालिबान ने विशेष तौर पर कंधार प्रांत के पाक सीमा से लगे स्पिन बोल्डक शहर में निर्दोष नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की हत्या की है।
यहां प्रांतीय अधिकारियों के रिश्तेदार, सेना और पुलिस के कर्मचारियों को पहले हिरासत में लिया, फिर गोली से उड़ा दिया। कुछ स्थानों पर तो सिर कलम करने की घटनाएं सामने आई हैं। आठ और 16 जुलाई को संघर्ष के दौरान इस क्षेत्र पर तालिबान ने सरकार और सेना के जासूसों की खोज की और तमाम लोगों को मार डाला।
ह्यूमन राइट वाच की एसोसिएट डायरेक्टर, एशिया पेट्रीशिया गोसमैन ने कहा है कि तालिबान ने यहां तीन सौ लोगों को हिरासत में लिया और अज्ञात स्थान पर ले गए। अब इस बात की आशंका है कि तालिबान यहां और भी ज्यादा खून-खराबा कर सकता है। हालांकि तालिबान नेताओं ने मानवाधिकार उल्लंघन से इन्कार किया है लेकिन जमीनी स्तर पर स्थितियां बता रही हैं कि निर्दोष नागरिकों पर जुल्म किया जा रहा है।
अब अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आइसीसी) ने यहां युद्ध अपराधों की जांच शुरू कर दी है। इन मामलों में वे तालिबानी कंमाडर भी दोषी माने जाएंगे, जिनके नेतृत्व में निर्दोषष लोगों पर अत्याचार हो रहा है। पेट्रीशिया गोशमैन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका व अन्य देशों को हत्या का यह सिलसिला बंद कराने के लिए तालिबान को सख्त संदेश देना चाहिए।
गोशमैन ने कहा कि स्पिन बोल्डक में सौ शव मिले हैं जबकि गायब तीन सौ लोगों का अभी कोई पता नहीं चला है। एएनआइ के अनुसार अफगानिस्तान में जिलों पर कब्जा करने के बाद तालिबान के काले कानून फिर शुरू हो गए हैं। यहां अफगान परिवारों की लड़कियों से आतंकी जबरन शादी कर रहे हैं। पुरुषों के लिए मस्जिद में रोज नमाज पढ़ने, टोपी लगाने और दाढ़ी बढ़ाने का फरमान जारी कर दिया गया है।
यही नहीं महिलाओं पर भी 2001 से पहले लागू रहे शरई कानून थोपना शुरू कर दिया गया है। सनद रहे कि तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दो दिन पहले कहा था कि उदारवादी रवैया अपनाया जाएगा। महिलाओं को काम करने की स्वतंत्रता होगी।
तालिबान को रोके अफगान सेना
अमेरिका अफगानिस्तान में तेजी से काबिज हो रहे तालिबान के संबंध में अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने चिंता जताई है। अलास्का में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफगान सेना के लिए जरूरी है कि वह तालिबान के जिलों पर कब्जे की तेज गति को कार्रवाई कर धीमा करे। आतंकियों पर योजनाबद्ध तरीके से अपने हमलों को अंजाम दे। उन्होंने कहा कि अफगान सेना युद्ध की कार्ययोजना को प्रभावी बना रही है।
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