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आदेश के बाद अफगान महिलाएं सड़कों पर उतर आईं

Sonam
20 July 2023 5:55 AM GMT
आदेश के बाद अफगान महिलाएं सड़कों पर उतर आईं
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तालिबानी गवर्नमेंट जब से सत्ता में आई है, तब से अफगानिस्तान में लोगों खासकर स्त्रियों की आजादी छीन गई है. चाहे स्त्री शिक्षा की बात हो, सड़कों पर या बाजारों में सामान लेना हो, स्त्री रेडियों में काम करना हो या कुछ और. स्त्रियों की आजादी के अधिकारों से जुड़े ऐसे कई कार्यों पर तालिबानी हुकूमत ने बैन लगाया है. हालांकि इन सबका विरोध भी हुआ है, लेकिन ताजा मुद्दे में तालिबानी गवर्नमेंट ने ब्यूटी सैलून पर बैन लगाया. स्त्रियों ने इस प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया है. अफगान महिलाएं इस बैन के विरूद्ध सड़कों पर उतर आई हैं. हालात ऐसे हो गए कि प्रदर्शनकारी स्त्रियों पर सुरक्षा बलों को हवाई फायर और पानी की बौछार करना पड़ा.

तालिबान द्वारा देशभर में ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश के बाद दर्जनों अफगान स्त्रियों ने बुधवार को प्रतिबंध का विरोध किया. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी स्त्रियों पर पानी की बौछार की, ‘स्टेन गन’ का उपयोग किया और हवा में गोलियां चलाईं. तालिबान ने इस महीने की आरंभ में बोला था कि वे अफगानिस्तान में सभी सैलून को अपना व्यवसाय और दुकानें बंद करने के लिए एक महीने का समय दे रहे हैं. इस आदेश के स्त्री कारोबारियों पर पड़ने वाले असर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय ऑफिसरों ने चिंता जताई है.

ब्यूटी सैलून को अवैध घोषित कर दिया था तालिबान गवर्नमेंट ने

तालिबान का बोलना है कि वे सैलून को अवैध घोषित कर रहे हैं क्योंकि वे कथित तौर पर इस्लाम द्वारा मना की गई सेवाएं प्रदान करते हैं और विवाह के उत्सव के दौरान दूल्हे के परिवारों के लिए आर्थिक मुश्किल पैदा करते हैं. यह आदेश तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा की ओर से आया. यह अफगान स्त्रियों और लड़कियों को शिक्षा, सार्वजनिक स्थानों और अधिकतर प्रकार के रोजगार से प्रतिबंधित करने वाले आदेशों के बाद उनके अधिकारों और स्वतंत्रता पर नवीनतम रोक है.

राजधानी काबुल में एकत्र हुईं महिलाएं

तालिबान के आदेशों के विरूद्ध महिलाएं सड़कों पर उतरी हैं. दर्जनों ब्यूटीशियन और मेकअप कलाकार प्रतिबंध का विरोध करने के लिए राजधानी काबुल में एकत्र हुए. स्वयं को फरजाना बताने वाली एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम यहां न्याय के लिए हैं. हम काम, भोजन और आजादी चाहते हैं.’ तालिबान ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार छोड़ी और उन्हें तितर-बितर करने के लिये अपनी राइफलों से हवा में गोलियां चलाईं.

यूएन के मिशन में जाने से भी स्त्रियों को रोका था तालिबान ने

फरजाना ने बाद में बोला कि महिलाएं अफगानिस्तान में संयुक्त देश मिशन में जा रही थीं. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से एकजुट रहने की अपील की. एक अन्य स्त्री ने अपना नाम न जाहिर करने की बात कहते हुए कहा, ‘हमारे प्रदर्शन का उद्देश्य यह था कि वे (तालिबान) ब्यूटी सैलून बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार करें और उसे पलटें क्योंकि यह हमारे जीवन के बारे में है. हम 50 से 60 स्त्रियों ने इसमें भाग लिया. हमारा नारा था काम, रोटी और आजादी.’ तालिबान द्वारा संचालित गवर्नमेंट से किसी ने भी इस विरोध प्रदर्शन पर तुरन्त कोई टिप्पणी नहीं की.

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