विश्व

अफगान की आवाज पाकिस्तान के खिलाफ, UN के वियना ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन

Gulabi
10 Aug 2021 12:31 PM GMT
अफगान की आवाज पाकिस्तान के खिलाफ, UN के वियना ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन
x
UN के वियना ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन

ऑस्ट्रिया के वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र बिल्डथ्ंग के सामने सोमवार को अफगान समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व अफगान कल्चरल एसोसिएशन (AKIS) के संस्थापक घोउसुद्दीन मीर (Ghousuddin Mir) ने की। प्रदर्शन के दौरान अफगान समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान में हो रही तालिबानी हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया और कहा कि पाक की ओर से तालिबान को आर्थिक समर्थन दिया जा रहा है जिससे अफगानिस्तान में 'प्रॉक्सी वॉर' हो रहा है। निर्दोष अफगान नागरिकों की हत्या की जा रही है महिलाओं का शोषण हो रहा है।


विरोध प्रदर्शन करने वाले इस अफगान समुदाय ने UN से पाकिस्तान को आतंकी देश करार देने की बात कही। सोमवार को कार्यदिवस पर यह प्रदर्शन इसलिए आयोजित किया गया ताकि कार्यालय में आने वाले सभी राजनयिकों व अधिकारियों का ध्यान इस ओर आ सके। इस विरोध प्रदर्शन में 45 लोग शामिल हुए। सबके हाथों में तख्तियां थीं। इसपर पाकिस्तान के खिलाफ बातें लिखी थीं जैसे- 'पाकिस्तान आतंक की जननी है, अफगानिस्तान में प्रॉक्सी वॉर खत्म करे, पाकिस्तान पर रोक लगाएं, अफगान की हत्या बंद करें।'

बता दें कि अफगान सरकार अनेकों बार पाकिस्तान पर आतंकियों को समर्थन करने का आरोप लगा चुकी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी कई बार ऐसा कह चुके हैं कि तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन हासिल है और इसलिए हर वह ऐसा कर पा रहा है। वहीं पाकिस्तान सरकार इससे इनकार करती आई है। सुरक्षा परिषद की बैठक में भी अफगान प्रतिनिधि ने कहा कि तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए डुरंड रेखा के पास जमा हो रहे हैं। पाकिस्तान में तालिबान के लिए फंड जुटाने की खातिर इवेंट आयोजित किए जा रहे हैं। वहां के अस्पतालों में घायल तालिबानों का इलाज भी हो रहा है। ऐसे न जाने कितने सबूत हैं कि पाकिस्तान के इस इनकार का कोई मतलब नहीं रह जाता।

दरअसल अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबानी हिंसा शुरू है। घोसुद्दीन मीर ने अफगानिस्तान में वर्तमान हालात का जिम्मेवार पाकिस्तान को बताया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और चीन में रहने वाले मुसलमान समुदाय के बारे में पाकिस्तान नहीं सोचता है।


Next Story