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अफगानी लड़की ने दिखाया साहस, 'तालिबान' को ललकारते हुए कहा- घर में रहने के लिए पैदा नहीं हुई...

Gulabi
27 Sep 2021 10:40 AM GMT
अफगानी लड़की ने दिखाया साहस, तालिबान को ललकारते हुए कहा- घर में रहने के लिए पैदा नहीं हुई...
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अफगानी लड़की ने दिखाया साहस

Afghan School Girl Viral Video: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस बीच एक अफगान लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें वो स्कूल जाने के अधिकार की मांग कर रही है. लड़की तालिबान (Taliban Control) को चुनौती देने और शिक्षा जारी रखने की मांग करती है. उसकी स्पीच पर दुनियाभर के लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. करीब एक मिनट लंबे इस वीडियो में लड़की को निडर होकर तालिबानी नेताओं से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि वह कौन होते हैं जो उनसे अधिकार और अवसर छीन रहे हैं. वो भी तब जब पुरुष और महिला दोनों 'अल्लाह' के सामने बराबर हैं.

इस वीडियो को अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्विटर पर शेयर किया है. लोग लड़की की बहादुरी के लिए उसकी काफी सराहना कर रहे हैं (Taliban Rule Afghanistan). पत्रकार ने वीडियो शेयर करते हुए उसके कैप्शन में लिखा है, '"मैं स्कूल जाना चाहती हूं" एक अफगान लड़की का पावरफुल मैसेज.' लड़की ने तर्क दिया कि वह देश के विकास के लिए काम करना चाहती है. उसने कहा, 'मैं एक नई पीढ़ी से हूं. मैं केवल खाने, सोने और घर पर रहने के लिए पैदा नहीं हुई. मैं स्कूल जाना चाहती हूं.'
'अगली पीढ़ी कैसे तहजीबदार बनेगी?'
वह वीडियो में कहती है, 'अगर अफगानिस्तान में किसी महिला को शिक्षा नहीं मिलेगी, तो कैसे हमारी अगली पीढ़ी तहजीबदार बनेगी?' शिक्षा की महत्ता पर जोर देते हुए लड़की कहती है, 'अगर हमें शिक्षा नहीं मिलेगी, तो इस दुनिया में हमारा कोई मूल्य नहीं होगा.' सोशल मीडिया पर लोग तालिबान के आतंक के खिलाफ महिलाओं और लड़कियों का साथ देते दिख रहे हैं (Girls Education in Afghanistan). ये वीडियो ऐसे वक्त में सामने आया है, जब अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि तालिबान माध्यमिक स्तर पर लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति देगा या नहीं.

केवल लड़कों को स्कूल लौटने को कहा
तालिबान ने बीते हफ्ते स्कूल खुलने की घोषणा की थी. जिसमें कक्षा 7वीं से 12वीं तक के लड़कों और पुरुष शिक्षकों को स्कूल लौटने को कहा था. लड़कियों को केवल प्राथमिक स्कूल में पढ़ने की अनुमित देने की बात कही गई थी. इसके अलावा काबुल के अंतरिम मेयर ने शहर की महिला कर्मचारियों से घर पर रहने को कहा. जिसके चलते बड़ी संख्या में महिलाएं विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरीं. तालिबान ने महिलाओं को अधिकार देने (Women Rights in Afghanistan) और समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था. लेकिन वो अपना कोई भी वादा पूरा नहीं कर रहा है. बल्कि एक बार फिर उसने अपने पुराने शासन (1996-2001) के कठोर और अमानवीय नियमों को लागू करना शुरू कर दिया है. उस दौरान लड़कियों और महिलाओं के स्कूल जाने और नौकरी करने पर प्रतिबंध लगाया गया था.
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