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अफगान संकट : बड़े पैमाने पर जा रही नौकरियां, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फ्रीज फंड को मुक्त करने का किया आग्रह

Neha Dani
20 Jan 2022 8:23 AM GMT
अफगान संकट : बड़े पैमाने पर जा रही नौकरियां, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फ्रीज फंड को मुक्त करने का किया आग्रह
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व्यवस्था चरमरा गई और लाखों लोगों के जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है।

अफगान उद्योगपतियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान फंड को मुक्त करने का आग्रह किया है। स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को बताया कि उद्योगपतियों का कहना है कि अगर देश को तत्काल वित्तीय मदद नहीं दी जाती है तो इससे 15 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। बता दें कि अफगानिस्तान एक मानवीय संकट का सामना कर रहा है और देश को तत्काल वित्तीय मदद की जरूरत है। देश में लोग सूखे और कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। लोगों के पास खाने के लिए खाना नहीं है। रोजगार के लिए काम के साधन नहीं हैं और लोग भूखमरी का सामना कर रहे हैं।

बंद होने की कगार पर लाखों इंडस्ट्रीज
खामा प्रेस ने बताया कि अफगानिस्तान के चैंबर आफ माइन्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रमुख शेरबाज कामिनजादा ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की संपत्ति को मुक्त नहीं किया गया तो देश में जो कारखाने बंद की कगार पर हैं वह पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। कामिनजादा ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में पिछले बीस सालों के दौरान एक अवास्तविक और नाजुक अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (आईईए) और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अफगान उद्योगपतियों के साथ सहयोग करने के लिए कहा है। वर्तमान में लाखों अफगान बेरोजगार हैं और उनके बैंकों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
पैसों की कमी से मुश्किल हुई माल की खरीद
प्रमुख शेरबाज कामिनजादा ने बताया कि नकदी की कमी और बैंकिंग प्रणाली पर प्रतिबंध के कारण कच्चे माल की खरीद मुश्किल हो गई है। इससे 1.5 मिलियन लोगों की नौकरियां चली जाएगी और इसमें 5 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं। कामिनजादा ने बुधवार को काबुल में आर्थिक सम्मेलन से इतर अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन के साथ अपनी बैठक में यह टिप्पणी की। कामिनजादा ने कहा कि अफगानिस्तान में सैकड़ों फैक्टरियों के पास कच्चा माल नहीं है, जिसका सीधा असर मज़दूरों, निवेशकों और आम लोगों पर पड़ा है।
तालिबान अधिग्रहण के बाद फ्रीज हुए अफगान फंड
इस बीच विशेष प्रतिनिधि ने अफगान उद्योगपतियों को आवाज उठाने का आश्वासन दिया और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से सकारात्मक परिणामों के साथ लौटने का आश्वासन दिया। आपको बता दें कि अगस्त के मध्य में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान की संपत्ति में लगभग 10 बिलियन डालर फ्रीज कर दिए और इस्लामिक अमीरात पर प्रतिबंध लगा दिए। इस बीच अफगानिस्तान की विदेशी सहायता बंद होने से पहले से ही कमजोर आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई और लाखों लोगों के जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है।

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