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मोहम्मद कहते हैं कि अगर तालिबान का कब्जा नहीं होता तो उनके बच्चे वहीं किसी स्कूल और बाद में शायद कॉलेज में भी पढ़ते।
अफगानिस्तान से इसी सप्ताह अमेरिका के फिलाडेल्फिया पहुंचा एक अफगान दंपती उड़ान पकड़ने से पहले तीन दिन तक तालिबानियों से छिपते-छिपाते छह बच्चों के साथ काबुल की गलियों में भटकता रहा। 36 वर्षीय मोहम्मद अमेरिकी दूतावास में एक सुरक्षा कंपनी के लिए काम करते थे।
उन्होंने सबसे पहले 2018 में अमेरिका के लिए वीजा आवेदन किया था। उन्हें आठ अगस्त को जब तक वीजा मिला तो तालिबान काबुल की दहलीज पर था और एक सप्ताह बाद पूरा देश तालिबान के कब्जे में था और मोहम्मद के पास अमेरिका की किसी फ्लाइट का टिकट नहीं था।
फिलाडेल्फिया में रह रहे रिश्तेदार ने बिना टिकट ही एयरपोर्ट पहुंचने के लिए कहा तब वे पत्नी और बच्चों को लेकर एयरपोर्ट के लिए निकले। 16 अगस्त को वे अमेरिकी सैनिकों के 50 मीटर करीब तक पहुंच गए थे, लेकिन अचानक भीड़ में धक्कामुक्की से हारकर पीछे हटना पड़ा।अगले दिन उन्होंने फिर कोशिश की, इस दौरान आतंकियों की तरफ से हवा में गोलियां चलाने से बच्चे बुरी तरह डर गए। वहीं, मोहम्मद की पत्नी ने कहा- मैं जानती थी, कि यह खतरनाक साबित हो सकता है, लेकिन निकलने के बाद ही भविष्य की उम्मीद की जा सकती है। जिस परिवार के साथ मोहम्मद रह रहे हैं, उस परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वे इस सप्ताह तीन बार एयरपोर्ट जा चुके हैं।
वे बताते हैं कि उनके घर पर पिछले हफ्ते में करीब 22 लोग आ चुके हैं। मोहम्मद कहते हैं कि अगर तालिबान का कब्जा नहीं होता तो उनके बच्चे वहीं किसी स्कूल और बाद में शायद कॉलेज में भी पढ़ते।
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