विश्व

भारत में हिमायत और अफगानिस्तान में खिलाफत, हिजाब पर फिर मलाला का दोगला चेहरा आया सामने

Renuka Sahu
10 May 2022 1:38 AM GMT
Advocacy in India and Caliphate in Afghanistan, Malalas face again came to the fore on hijab
x

फाइल फोटो 

हिजाब के मुद्दे पर ब्रिटेन में रह रही पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई का दोगला चेहरा फिर सामने आ गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिजाब (Hijab) के मुद्दे पर ब्रिटेन में रह रही पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) का दोगला चेहरा फिर सामने आ गया है. भारत में हिजाब पहनने की हिमायत करने वाली मलाला ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में हिजाब को अनिवार्य किए जाने का विरोध किया है. मलाला ने वैश्विक नेताओं से आग्रह किया है कि वे अफगान महिलाओं के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तालिबान (Taliban) को जवाबदेह ठहराएं.

'तालिबान के फरमान से लड़कियों में बढ़ा डर'
शांति के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल कर चुकी मलाला यूसुजई (Malala Yousafzai) ने अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से महिलाओं को अनिवार्य रूप से हिजाब (Hijab) पहनने का फरमान जारी करने पर चिंता जताई है. मलाला ने कहा कि तालिबान के इस फरमान से अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों में डर बढ़ गया है.
'वैश्विक समुदाय ले तालिबान पर एक्शन'
मलाला (Malala Yousafzai) ने ट्वीट करके कहा, 'तालिबान अफगानिस्तान (Afghanistan) के सार्वजनिक जीवन से लड़कियों और महिलाओं को मिटा देना चाहता है. उसने लड़कियों को स्कूल से और महिलाओं को काम से बाहर कर दिया. परिवार के पुरुष सदस्य के बिना यात्रा करने पर बैन लगा दिया और अब अपने शरीर को पूरी तरह ढककर चलने के लिए मजबूर कर देने वाला फरमान. अफगानिस्तान की लाखों लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.'
'मुस्लिम देशों को साथ खड़े होना चाहिए'
पाकिस्तानी सोशल एक्टिविस्ट ने कहा, 'हमें अफगान महिलाओं के लिए अपनी चिंता और सहानुभूति कम नहीं करनी चाहिए क्योंकि तालिबान (Taliban) अपने वादों को तोड़ना जारी रखे हुए है. इसके बावजूद महिलाएं अपने मानवाधिकारों और सम्मान के लिए अब भी सड़कों पर उतर रही हैं. हम सभी, विशेष रूप से मुस्लिम देशों को उनके साथ खड़े होना चाहिए.'
संयुक्त राष्ट्र चीफ भी जता चुके हैं चिंता
मलाला से पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस भी तालिबान की ओर से अफगान (Afghanistan) महिलाओं को सिर से पैर तक ढकने के लिए मजबूर करने के हालिया फैसले पर अपनी चिंता जता चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने कहा कि तालिबान कदम दर कदम, अफगान महिलाओं के मानवाधिकारों को खत्म कर रहा है. अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान की इन मनमानियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
कर्नाटक में की थी हिजाब की पैरवी
अफगानिस्तान में हिजाब (Hijab) का विरोध कर रही मलाला (Malala Yousafzai) ने भारत में इसकी जोरदार हिमायत की थी. कर्नाटक की मुस्लिम छात्राओं के फेवर में ट्वीट कर उन्होंने लिखा था, 'हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल में प्रवेश से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने को लेकर लड़कियों को महज एक वस्तु मान लिया गया है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.'
हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
बताते चलें कि मलाला ने इससे पहले कर्नाटक के उडुपि में जबरन हिजाब पहनकर प्रवेश कर रही मुस्लिम छात्राओं को जब रोका गया था तो उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार कर हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी थी. इस मुद्दे पर हिंदू छात्र विरोध में आ गए थे और कहा था कि अगर मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाती है तो वे भी भगवा शॉल ओढ़कर आएंगे. कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद मुस्लिम छात्राओं की याचिका खारिज कर दी और सभी स्टूडेंट्स को उचित ड्रेस में स्कूल-कॉलेज जाने का निर्देश दिया.
Next Story