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पोलैंड में दुनिया को संबोधित करते हुए बोले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, 'ये लड़ाई लंबी चलेगी, हमें खुद को मजबूत करने की जरूरत'
Renuka Sahu
27 March 2022 2:54 AM GMT
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फाइल फोटो
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पोलैंड की राजधानी वारसॉ से दुनिया को संबोधित किया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पोलैंड (Poland) की राजधानी वारसॉ (Warsaw) से दुनिया को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत पोलैंड में जन्मे पोप जॉन पॉल द्वितीय के 1979 में सोवियत संघ को दिए संदेश के साथ की. उन्होंने कहा, 'डरिए मत.' बाइडेन ने कहा, 'हम स्वतंत्रता की महान लड़ाई लड़ रहे हैं. ये लड़ाई लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच, स्वतंत्रता और दमन के बीच की है. इस लड़ाई में हमें स्पष्ट नजरिया रखने की जरूरत है. यह लड़ाई दिन या महीनों में भी नहीं जीती जाएगी. आगे की लंबी लड़ाई के लिए हमें खुद को मजबूत करने की जरूरत है.' जब उन्होंने वारसॉ में भीड़ में यूक्रेन के लोगों का जिक्र किया तो तालियां बजने लगीं.
बाइडेन ने कहा, 'अब लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए हो रहे संघर्ष में यूक्रेन और उसके लोग अपने राष्ट्र को बचाने के लिए अग्रिम पंक्ति में हैं. लोगों का प्रतिरोध एक लंबे युद्ध को दिखाता है. ये सभी स्वतंत्र लोगों को एकजुट करता है.' उन्होंने कहा, 'यूक्रेन के लोगों के लिए मेरा एक संदेश है, जिसे मैंने आज यूक्रेन के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री को दिया. ये मैसेज ये है कि हम आपके साथ खड़े हैं.' बाइडेन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर अपने हमले से 'लोकतंत्र का गला घोंट दिया'. उन्होंने कहा कि युद्ध को सही ठहराने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) लगातार झूठ बोल रहे हैं.
पुतिन दुनिया से झूठ बोल रहे
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'पिछले 30 सालों में निरंकुशता की ताकतों ने पूरी दुनिया में पुनर्जीवित किया है. इनकी पहचान बेहद आसान है. इसमें कानून के शासन के लिए अवमानना, लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के लिए अवमानना, सत्य के लिए अवमानना शामिल है.' उन्होंने कहा, 'आज रूस ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है. पुतिन ये कह रहे हैं कि वह यूक्रेन को नाजियों से मुक्त कर रहे हैं. ये सिर्फ झूठ है. राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की लोकतांत्रिक रूप से चुने गए थे. वह यहूदी हैं. उनके परिवार के लोग नाजियों द्वारा मारे गए. और पुतिन के पास ये कहने की ताकत है कि वह जो कर रहे हैं कि वह सही है.'
रूस के लोगों से बाइडेन ने कही ये बात
जो बाइडेन ने कहा, 'पुतिन को नाटो क्षेत्र की एक इंच जमीन के भीतर घुसने के बारे सोचना भी नहीं चाहिए.' उन्होंने कहा कि अमेरिका नाटो के चार्टर के तहत सामूहिक सुरक्षा दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'अमेरिकी सेनाएं रूसी सेनाओं के साथ संघर्ष में शामिल होने के लिए यूरोप में नहीं हैं, अमेरिकी सेनाएं नाटो सहयोगियों की रक्षा के लिए यहां हैं.' बाइडेन ने अपने संबोधन में रूस के लोगों के साथ सीधे तौर पर संवाद किया और कहा कि आप लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं. बाइडेन ने कहा, 'रूस के लोगों मैंने हमेशा आपसे सीधे और ईमानदारी से बात की है. अगर आप सुन रहे हैं तो मैं आपसे कह रहा हूं. आप रूसी लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं. मैं यह मानने से इंकार करता हूं कि आप निर्दोष बच्चों और बूढ़े लोगों की हत्या का समर्थन करते हैं या आप अस्पतालों, स्कूलों, प्रसूति वार्डों पर हमलों को समर्थन देते हैं.' बाइडेन ने ये भी कहा कि यूक्रेन में पुतिन द्वारा की गई कार्रवाई किसी भी महान देश द्वारा की जाने वाली कार्रवाई नहीं है. उन्होंने कहा, 'ऐसा पहले भी हुआ है. यूक्रेन में रूस की सेना फिर से ऐसा कर रही है.'
रूस दुनिया को नाटो के बारे में गलत बता रहा, प्रतिबंधों का हुआ प्रभाव
जो बाइडेन ने कहा कि लोकतंत्र के दुश्मनों को हराना होगा. रूस दुनिया को नाटो के बारे में गलत बता रहा है. नाटो एकजुट है और वो रूस से निपटना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की लोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्रपति बने हैं. यू्क्रेन अपनी आजादी के लिए लड़ रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जेलेंस्की से झूठ बोल रहे हैं. बाइडेन ने कहा कि प्रतिबंधों की वजह से रूस की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है. प्रतिबंधों की वजह से रूबल की कीमत गिरी है. यूक्रेन पर हमले का रूस के पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने कहा कि नाटो हर इंच जमीन की रक्षा करेगा. पोलैंड में अमेरिका और नाटो के सैनिक तैनात रहेंगे. नाटो यूक्रेन को हथियार देना भी जारी रखेगा.
जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने पहले ही कहा है कि एक लाख लोगों को शरण देगा. अमेरिका यूक्रेन के लोगों को हर संभव मदद करेगा. हमारी मदद इसलिए नहीं पहुंच पा रही है क्योंकि रूस की फौज उन्हें बीच में रोक दे रही है. उन्होंने कहा कि पुतिन ने जो सोचा थो वो हासिल नहीं कर सके हैं. नाटो, यूरोप और पश्चिम के देश एक बार फिर एक साथ हो गए है और उनमें एक नई ऊर्जा आ चुकी है. रूस ने यूक्रेन में जो किया है कि उसने लोकतांत्रिक देशों को बताया है कि लोकतंत्र के क्या मूल्य हैं.
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