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मुंबई। एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी (Dharavi) के पुनर्विकास का पहिया तेजी से घूमने की संभावना है। राज्य सरकार की तरफ से धारावी पुनर्विकास की निविदा निकाली गई है, जिसमें अडानी समूह सहित दो अन्य कंपनियों ने निविदा भरी है।
धारावी के पुनर्विकास में तीन कंपनियों ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया है। इनमें अडानी ग्रुप (Adani Group), नमन ग्रुप (Naman Group) और डीएलएफ शामिल है। इस परियोजना के तहत तकरीबन 600 एकड़ जगह पर लाखों नागरिकों का पुनर्वास किया जाएगा। यह परियोजना 23 हजार करोड़ रुपए की है। एमएमआरडीए इस बात की जांच करेगी कि विकासक इस परियोजना के लिए योग्य हैं या नहीं। अक्टूबर माह में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) की उपस्थिति में धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राधिकरण और रेलवे मंत्रालय भूमि विकास प्राधिकरण के बीच एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस करार के बाद धारावी परियोजना के पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया था।
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में बड़े पैमाने पर लघु उद्योग हैं, ऐसे में इसका राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी महत्व है। धारावी के पुनर्विकास पर कुछ समय से चर्चा हो रही थी। महाविकास आघाड़ी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा अक्टूबर 2020 में कराई गई टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इसके बाद दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई। महाविकास आघाड़ी सरकार के हटने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार ने धारावी के पुनर्विकास के लिए नई निविदा प्रक्रिया लागू की थी।
पुराने वक्त में धारावी मुंबई शहर के बाहर की जगह थी। यहां खाड़ी, डंपिंग ग्राउंड थे। इसके अलावा चमड़ा उद्योग बड़े पैमाने पर था। महानगर का विकास होने के साथ-साथ धारावी में झोपडपट्टियों की संख्या बढ़ती गई। धारावी के एक तरफ बीकेसी जैसा महत्वपूर्ण व्यापारिक ठिकाना है। धारावी का विकास होने से मुंबई का चेहरा-मोहरा बदलने की संभावना है। धारावी में 10 लाख लोग रहते हैं, लेकिन पुनर्विकास में लघु उद्योग कहां जाएंगे, इसे लेकर चर्चाएं शुरू हैं।
Source : Uni India

Rani Sahu
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