विश्व

मुताबिक श्रीलंका की संसद में 22वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा स्थगित जा सकती है

Admin4
4 Oct 2022 12:09 PM GMT
मुताबिक श्रीलंका की संसद में 22वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा स्थगित जा सकती है
x

कोलंबो: श्रीलंका में राष्ट्रपति के मुकाबले संसद को अधिक शक्तियां प्रदान करने से संबंधित 22वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा एसएलपीपी पार्टी के भीतर असहमति के कारण स्थगित होने की संभावना है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

राजपक्षे को बेतहाशा अधिकार मिल गए थे:

विधेयक पर छह और सात अक्टूबर को चर्चा होनी है. कैबिनेट 22वें संविधान संशोधन से संबंधित मसौदा विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और अगस्त में इस संबंध में एक राजपत्र जारी किया गया था. 22वें संशोधन को मूल रूप से 21ए नाम दिया गया है और यह 20A की जगह लेगा. देश में चल रही आर्थिक उथल-पुथल के बीच यह संशोधन तैयार किया गया है, जिसके चलते राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया है. इससे पहले साल 2020 में 19वें संशोधन को समाप्त करके 20ए पारित किया गया था, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को बेतहाशा अधिकार मिल गए थे.

विधेयक पर चर्चा स्थगित की जा सकती है:

सूत्रों ने कहा कि अब सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के भीतर असहमति के कारण विधेयक पर चर्चा स्थगित की जा सकती है. एक सांसद ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "कल संसदीय समूह की बैठक में इससे संबंधित चिंताओं पर बात हुई. अधिकांश ने महसूस किया कि आर्थिक संकट और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए इस समय इसे स्थगित करना सही है.

हालांकि, न्याय और संवैधानिक मामलों के मंत्री विजयदासा राजपक्षे ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि तीन या चार सदस्यों ने कुछ प्रावधानों के बारे में असहमति व्यक्त की थी. चिंताओं पर चर्चा के लिए उन्होंने बुधवार को संसदीय समूह के साथ फिर से बैठक करने का फैसला किया है. राजपक्षे ने कहा कि दो दिवसीय चर्चा अभी भी जारी है."उल्लेखनीय है कि देश की अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से संभालने के लिए जुलाई के मध्य में राजपक्षे के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद वह देश छोड़कर भाग गए थे.

न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews

Admin4

Admin4

    Next Story