सरकार के सूत्रों के मुताबिक 3 मुख्य वजहों से ये कर रही है इमरान सरकार
पहला- कश्मीर मसले पर अलग थलग पड़ने का एहसास. UN तक में केवल तुर्की और पाक ने उठाया है कश्मीर मुद्दा किसी और देश ने नहीं. धारा 370 पर फैसले के बाद इन लोगों ने पहला बड़ा इंटरव्यू दिया ताकि फिर से बातचीत कि तरफ बढ़ा जा सके. पाकिस्तान कि जनता को बहकाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे है.
दूसरा- समूचे विपक्ष ने साथ आकर साझा प्लेटफॉर्म बनाया गया है PDM (पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट), जिसकी कल पाकिस्तान में पहली साझा बड़ी रैली है. जिसमें नवाज़ शरीफ और बिलावल भुट्टो जैसे नेता साथ आएंगे. इमरान पर इसका बहुत दबाव है इसलिए वो ध्यान भटकाना चाहते हैं.
तीसरा- पाकिस्तान कि आर्थिक व्यवस्था टूट गई है, उस पर से ध्यान भटकाना चाहती है इमरान सरकार.
भारत का मत साफ है पाकिस्तान से बातचीत तब ही हो सकती है जब वो सरहद पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करें. बातचीत का माहौल पाकिस्तान को हीं बनाना होगा. फिलहाल तो पाकिस्तानी हुक्मरानो के बयान भारतीय लीडरशिप के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक आ रहे है.