रेप के आरोपी नित्यानंद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए श्रीलंका में शरण मांगी है. अपने स्वास्थ्य में गिरावट का हवाला देते हुए, भगोड़े धर्मगुरु ने 7 अगस्त को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को एक पत्र लिखा था. भगोड़ा घोषित किए जा चुके नित्यानंद ने चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि कैलासा में समुचित मेडिकल सुविधा नहीं है, इसलिए मुझे यहां शरण दी जाए.
श्रीलंका सरकार को लिखा पत्र
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंकाई सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि नित्यानंद बीमार है. सूत्रों ने कहा कि पत्र में उल्लेख किया गया है कि बलात्कार का आरोपी नित्यानंद गंभीर रूप से बीमार था और उसे इलाज की सख्त जरूरत थी. इंडिया टुडे ने अगस्त 2022 में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को लिखे गए पत्र को एक्सेस किया है. तथाकथित श्रीकैलासा के विदेश मंत्री होने का दावा करने वाले नित्यप्रेमात्मा आनंद स्वामी द्वारा लिखित पत्र में राष्ट्रपति से अनुरोध करते हुए कहा, 'हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी (एसपीएच) परम पावन श्री नित्यानंद परमशिवम को एक गंभीर चिकित्सा समस्या के चलते तत्काल देखभाल की आवश्यकता है. कैलासा में वर्तमान में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का इस्तेमाल करने के बाद, डॉक्टर अभी भी उनकी बीमारी का निदान करने में असमर्थ हैं. एसपीएच वर्तमान में श्रीकैलासा की संप्रभु भूमि में है, जिसमें आवश्यक चिकित्सा आधारभूत संरचना नहीं है. उन्हें चिकित्सा की इस समय सबसे तत्काल आवश्यकता है.'
बता दें कि नित्यानंद भारत से फरार हैं. उन्होंने कैलासा में अपना अलग देश बसाया है. ऐसा दावा है कि वहां का अपना अलग पासपोर्ट है. नित्यानंद का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता प्राप्त कर सकता है. बता दें कि साल 2018 में रेप के आरोपी नित्यानंद भारत से भाग गए थे. कर्नाटक में उनके खिलाफ रेप के मामले दर्ज हैं.
गौरतलब है कि साल 2010 में नित्यानंद के खिलाफ उनके पूर्व ड्राइवर ने केस दर्ज किया था. नित्यानंद पर अपहरण, गैरकानूनी रूप से बच्चों को कब्जे में लेने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. बाद में उन्हें बेल पर छोड़ दिया गया. नित्यानंद पर तमिलनाडु की एक अभिनेत्री से छेड़छाड़ का आरोप लगा.