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इस साल बर्बाद हो सकते हैं करीब एक लाख ग्रीन कार्ड, लापरवाही भारतीय IT प्रोफेशनल्स पर पड़ी भारी

Neha Dani
6 Aug 2021 10:10 AM GMT
इस साल बर्बाद हो सकते हैं करीब एक लाख ग्रीन कार्ड, लापरवाही भारतीय IT प्रोफेशनल्स पर पड़ी भारी
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नील मखीजा ने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मुलाकात की थी.

अमेरिका (US) में रोजगार आधारित करीब एक लाख ग्रीन कार्ड (Green Cards) के दो महीने के भीतर बर्बाद होने का खतरा है. इस वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स में खासा नाराजगी है. ग्रीन कार्ड के बर्बाद होने की वजह से आईटी प्रोफेशनल्स (Indian IT professionals) का वैध स्थायी निवास (legal permanent residency) का इंतजार अब दशकों तक के लिए बढ़ गया है. आधिकारिक तौर पर स्थायी निवास कार्ड के तौर पर जाने जाना वाला ग्रीन कार्ड आव्रजकों (Immigrants) को साक्ष्य के तौर पर जारी एक दस्तावेज है कि कार्ड होल्डर को अमेरिका में स्थायी रूप से निवास करने की सुविधा दी गई है.

भारतीय प्रोफेशनल संदीप पवार ने को बताया कि इस साल आव्रजकों के लिए रोजगार आधारित कोटा 2,61,500 है, जो 1,40,000 के सामान्य तौर पर कोटा से काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, कानून के तहत, अगर ये वीजा 30 सितंबर तक जारी नहीं किए जाते, तो ये हमेशा के लिए बर्बाद हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि 'अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा' या USCIS द्वारा वीजा प्रक्रिया की मौजूदा गति दिखाती है कि वे 1,00,000 से ज्यादा ग्रीन कार्ड बेकार कर देंगे. इस तथ्य की वीजा उपयोग निर्धारित करने वाले विदेश मंत्रालय के प्रभारी ने हाल में पुष्टि भी की थी.
ग्रीन कार्ड की बर्बादी रोकने के लिए दायर हुआ मुकदमा
पवार ने खेद जताया कि अगर USCIS या बाइडेन प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता तो इस साल उपलब्ध अतिरिक्त 1,00,000 ग्रीन कार्ड बर्बाद हो जाएंगे. इस संबंध में पूछे गए प्रश्नों पर व्हाइट हाउस ने कोई जवाब नहीं दिया. इस बीच, अमेरिका में रह रहे 125 भारतीयों एवं चीनी नागरिकों ने प्रशासन द्वारा ग्रीन कार्ड बर्बाद होने से रोकने के लिए एक मुकदमा दायर किया है. पवार ने कहा, अधिकतर संभावित लाभार्थी, जैसे कि मैं, भारत से हैं, एक ऐसा देश जो स्वाभाविक रूप से नस्लवादी और भेदभावपूर्ण प्रति-देश कोटा के कारण सबसे पीछे है. कई के जीवनसाथी भी यहां हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, जो स्थायी निवासी बनने तक काम करने में असमर्थ हैं.
ग्रीन कार्ड की बर्बादी के लिए बाइडेन प्रशासन जिम्मेदार
संदीप पवार ने कहा, कई के बच्चे हैं जिनकी आश्रित की श्रेणी में आने वाली उम्र पार होने वाली है और उन्हें खुद से देश छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा. जबकि वे सिर्फ इसी देश को जानते हैं. अगर ये ग्रीन कार्ड जारी नहीं किए जाते तो नुकसान अथाह एवं अपूर्णीय है. इम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा ने कहा कि उन्होंने बाइडेन से ग्रीन कार्ड सीमा और कोटा को समाप्त करके आव्रजन कानूनों में सुधार करने और सभी 'ड्रीमर्स' की सुरक्षा के प्रयासों के तहत लंबी अवधि के वीजा धारकों के 2,00,000 बच्चों को शामिल करने का आग्रह किया.
'द वॉशिंगटन पोस्ट' में एक लेख में, काटो इंस्टीट्यूट में शोधार्थी डेविड जे बियर ने आरोप लगाया कि ग्रीन कार्डों की बर्बादी के लिए बाइडन प्रशासन जिम्मेदार है. नील मखीजा ने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मुलाकात की थी.


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