x
इस दुर्घटना में 237 यात्रियों के साथ प्लेन के 20 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी।
अमेरिका में एक लड़की के बादलों के बीच जीप चलाने का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में लड़की लगभग 1500 किलोग्राम वजनी जीप को बादलों के बीच चलाते हुए दिखाई दे रही है, जिसमें उसका हाथ बाहर लटक रहा है। जिसके बाद से इस वायरल वीडियो की तुलना हैरी पॉटर से जादुई कारनामें से की जाने लगी है। उस फिल्म में भी कार को उड़ते हुए दिखाया गया था। बड़ी बात यह है कि इस वीडियो के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
अमेरिका के हवाई में शूट किया गया यह वीडियो
इस वायरल क्लिप में दिखाई दे रही लड़की कैलिफोर्निया के सैन डिएगो की रहने वाली 22 वर्षीय हन्ना कोल्बी है। जिसने 20 फरवरी को हवाई के माउंट हालकेला में इस वीडियो को शूट किया था। पहली नजर में ऐसा लगता है कि यह लड़की अपनी जीप को बादलों के बीच चला रही है। जबकि, वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। वीडियों के अंत में यह दिखता है कि लड़की अपनी जीप को सड़क पर चला रही है।
विशेषज्ञों ने बताई सच्चाई
Vibing somewhere above the cloud ☁️ Red Hill, Haleakala in Maui, Hawaii.
— Best Part Of World (@bestpartofworld) February 25, 2021
Video by: hannahcolby [IG] pic.twitter.com/04EayyJjJI
दरअसल, यह एक दुर्लभ ऑप्टिकल इल्यूशन (दृष्टि भ्रम) के कारण ऐसा दिखाई दे रहा है। जिससे अक्सर यह भ्रम होता है कि दिखने वाली ऑब्जेक्ट हवा में है। उस समय ऊंचाई अधिक होने के कारण रास्ते के एक साइड में पड़ने वाली खाई को बादलों ने ढंका हुआ था। हवा के दबाव के कारण अक्सर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है। अगर कैमरे को एक निश्चित ऐंगल पर सेट कर रिकॉर्डिंग की जाए तो किसी को भी ऐसा भ्रम हो सकता है।
टिकटॉक पर वायरल हुआ यह वीडियो
इस वीडियो को अपलोड करने के बाद टिकटॉक पर अबतक 71 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। हन्ना कोल्बी ने बताया कि वह अपने दोस्तों डोमिनिक अगासी और जेसन जेनेसीरा के साथ लंबी पैदल यात्रा और तैराकी करने के लिए हवाई के सुंदर द्वीप पर आई हुई थीं। इस दौरान हन्ना ने माउंट हालकेला की ऊंचाईयों पर कार को चलाया।
ऑप्टिकल इल्यूशन के कारण हवा में उड़ती दिखी थी शिप
ब्रिटेन में कुछ दिनों पहले ही हजारों टन वजनी शिप के हवा में उड़ने की तस्वीर वायरल हुई थी। इस तस्वीर को ब्रिटेन के डेविड मॉरिस ने कॉर्नवाल के फालमाउथ पास कैमरे में कैद किया था। बीबीसी के मौसम विज्ञानी डेविड ब्रायन ने बताया था कि यह सुपीरियर मिराज दुर्लभ वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण बनता है। जिसमें लाइट मुड़ जाती है और वास्तविकता के एकदम विपरीत तस्वीर आती है।
ऑप्टिकल भ्रम का यह है वैज्ञानिक कारण
उन्होंने कहा कि आर्कटिक के इलाके में ऐसा भ्रम होना आम बात है, लेकिन सर्दियों के दौरान ब्रिटेन में ऐसा बहुत कम ही दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि इस तरह के वातावरण मौसम की स्थिति के कारण बनता है। जब ठंडी हवा समुद्र की सतह के करीब होती है और गर्म हवा उसके ऊपर बहती है। चूंकि ठंडी हवा गर्म हवा की तुलना में घनी होती है, इसलिए यह जमीन या तट पर खड़े किसी व्यक्ति की आंखों की ओर आने वाले प्रकाश को मोड़ती है।
ऑप्टिकल इल्यूशन के कारण हुई थी माउंट एरेबस डिजास्टर
28 नवंबर, 1979 को 7.21 बजे, एयर न्यूजीलैंड की उड़ान 901 अंटार्कटिका के दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर ऑकलैंड हवाई अड्डे से रवाना हुई थी। उड़ान के कुछ घंटे बाद ही विमान के पायलटों ने अच्छे मौसम और साफ दृश्यता का रिपोर्ट दिया था। लेकिन जैसे ही विमान माउंट एरेबस के पास पहुंचा, पायलटों को एक अजीब और भयानक ऑप्टिकल भ्रम ने घेर लिया। इस दौरान उन्हें चारों तरफ केवल सफेद ही सफेद नजर आने लगा। इसे व्हाइटआउट के रूप में जाना जाता है।
257 लोगों की गई थी मौत
भूवैज्ञानिक डॉ एलन लेस्टर ने बताया कि व्हाइटआउट के दौरान आपको केवल सफेद रंग ही दिखाई देता है। यह बस एक ऐसी स्थिति होती है जहां हर जगह सफेद ही दिखाई देता है। नीचे सफेद ग्लेशियर और ऊपर सफेद बादल के कारण यह घटना होती है। इस दौरान ऊपर या नीचे क्या है यह पता नहीं चल पाता। इस दुर्घटना में 237 यात्रियों के साथ प्लेन के 20 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी।
Next Story