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यमन में सरकार समर्थित सेना और हूती विद्रोहियों के बीच छिड़ी जंग, इतने लोगों की गई जान

Gulabi
16 Sep 2021 3:32 PM GMT
यमन में सरकार समर्थित सेना और हूती विद्रोहियों के बीच छिड़ी जंग, इतने लोगों की गई जान
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क्यों मारिब पर नियंत्रण चाहता है हूती?

War in Yemen: यमन के अल-बायदा में सरकार समर्थित सैनिकों और हूती विद्रोहियों के बीच जारी जंग में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक हाई-रैंकिंग अफसर भी शामिल है. इस बात की जानकारी गुरुवार को सेना से जुड़े सूत्रों ने दी है (Houthi Rebels Attack). सरकारी सैन्य अधिकारी ने बताया, 'एक कर्नल और उनके साथ लड़ रहे अन्य 19 लोगों की 24 घंटे के भीतर मौत हो गई है. ये लोग अल-बायदा जिले में हूती विद्रोहियों के साथ जंग लड़ रहे थे. मैदान में जारी संघर्ष और हवाई हमलों में 30 हूती विद्रोही भी मारे गए हैं.'

ईरान के समर्थन वाला चरमपंथी संगठन हूती अपने लड़ाकों की मौत को बहुत कम ही स्वीकार करता है. लेकिन सैन्य सूत्र मारे गए विद्रोहियों की संख्या बताते रहते हैं. हूती इस समय अल-बायदा में बढ़त हासिल कर रहा है. इस क्षेत्र के अलावा वो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मारिब शहर (Fight in Marib) पर भी कब्जा करने की कोशिश में है. जो देश के उत्तरी हिस्से में स्थित है. फरवरी में हूतियों ने मारिब में अपना कब्जा स्थापित करने के लिए कोशिशें तेज कर दी थीं. ये शहर सरकार का आखिरी गढ़ है और यहां जारी लड़ाई में दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग मारे गए हैं.
क्यों मारिब पर नियंत्रण चाहता है हूती?
तेल समृद्ध मारिब पर कब्जे से शांति वार्ता में हूतियों की स्थिति मजबूत होगी. मारिब की लड़ाई ने मानवीय तबाही की आशंका भी बढ़ा दी है, क्योंकि यमन के बाकी हिस्सों में जारी लड़ाई से बचने के लिए लोग यहीं आकर रह रहे हैं. लेकिन अब यहां भी हालात सामान्य नहीं रहे (Saudi Arabia Houthi Rebels). हालात तीन हफ्ते पहले से बिगड़ने शुरू हुए थे, जब हूती संगठन ने यमन में सऊदी अरब के समर्थन वाली सरकारी सेना के बेस पर हमला कर दिया था. जिसमें 30 सैनिकों की मौत हो गई. इसके बाद सऊदी अरब पर भी मिसाइल हमला किया गया.
यमन में कब से जारी है लड़ाई?
यमन में साल 2014 के अंत में गृहयुद्ध शुरू हुआ था. हूती संगठन ने देश के अधिकांश उत्तरी हिस्से पर नियंत्रण हासिल करने के बाद राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी (Abd-Rabbu Mansour Hadi) की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को राजधानी सना से बाहर कर दिया था. इसी सरकार का समर्थन करने के लिए मार्च 2015 में सऊदी नेतृत्व वाले अरब गठबंधन ने यमन में हस्तक्षेप किया. सऊदी अरब यहां यमन सरकार का समर्थन कर रहा है.
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