विश्व
इजरायल फलस्तीन के बीच छिड़ी युध्द ने बच्चों किया सबसे अधिक प्रभावित, हजारों हुए विस्थापित
Tara Tandi
20 May 2021 1:01 PM GMT
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इजरायल और फलस्तीन के बीच गाजा में चल रही लड़ाई का सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इजरायल और फलस्तीन के बीच गाजा में चल रही लड़ाई का सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है। ये जंग दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय संगठन इसको तत्काल रोकने की अपील कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इसका असर कम ही होता दिखाई दे रहा है। यूनीसेफ का कहना है कि दस दिनों से जारी हमलों में अब तक 60 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और 450 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं। वहीं यूएन राहत एजेंसी ने फलस्तीन शरणार्थियों के लिए करीब चार करोड़ डॉलर की अपील की है, जिससे इस मानवीय संकट को संभाला जा सके।
यूनीसेफ का कहना है कि इस जंग में जहां कई बच्चे अनाथ हुए हैं वहीं कई परिवार खत्म हो गए हैं। हमलों की वजह से गाजा में राहत के लिए भेजे गए 24 में से महज पांच ट्रक ही पहुंच सके हैं। यूनीसेफ की मानें तो दस मई से अब तक फलस्तीन इलाकों में से करीब 30 हजार बच्चे विस्थापित हुए हैं, जो कि एक बड़ा नंबर है। यूनीसेफ बार-बार इस बात की अपील कर रहा है कि हमलों को तत्काल रोका जाए, जिससे राहत सामग्री को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सके।
संगठन के आंकड़े बताते हैं कि इन हमलों में गाजा के 40 स्कूल और चार स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। इतना ही नहीं गाजा की बिजली आपूर्ति में भी करीब साठ फीसद की कटौती दर्ज की गई है। वहीं 48 स्कूलों को शरणस्थली के रूप में तब्दील किया गया है। यहां पर शरण लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूएन राहत एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख फिलिपे लजारिनी का कहना है कि इन हमलों में आम आदमी अधिक शिकार बन रहे हैं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पूर्वी येरूशलम में प्रदर्शनकारियों पर जरूरत से अधिक बल प्रयोग हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने गाजा के प्रभावित इलाकों में मानवीय राहत के तहत 51 हजार से अधिक लोगों को सहायता प्रदान की है। यूएन एजेंसी का कहना है कि हमलों में व्यापक क्षति हुई है, जिसको तत्काल रोके जाने की जरूरत है, नहीं तो इसके दुष्परिणाम हम सभी को भुगतने होंगे। यूएन एजेंसी प्रभावित लोगों को ईवाउचर के रूप में नकदी भी मुहैया करवा रही है। एजेंसी का कहना है कि गाजा में प्रवेश बंद होने की वजह से खाद्य सामग्री समेत अन्य जरूरी सामान की उपलब्धता कम हो रही है। यदि हालात नहीं सुधरे तो कुछ समय बाद भोजन जैसी चीजों के दाम भी काफी बढ़ जाएंगे। एजेंसी के मुताबिक किसान खेतों तक नहीं जा पा रहे हैं। इस वजह से कृषि उत्पादों के दामों में भी वृद्धि हुई है।
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