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वैज्ञानिक अभी तक टेक्सास की नदियों में उनकी आबादी को ट्रैक करने या उनका दस्तावेजीकरण करने में सक्षम नहीं हैं.
अमेरिका के टेक्सास में दो मछुआरे उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब वे अपने नॉमर्ल रुटीन में मछली को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. क्योंकि उनके हुक में एक ऐसा बड़ा सा जानवर फंस गया जिसे देख उनके रोंगटे खड़े हेा गए. दरअसल यह जेट ब्लैक रिवर बीस्ट (Jet-Black River Beast) था, मछलियों में काफी दुर्लभ प्रजाती है.
मेलानिस्टिक एलीगेटर गार है ये बीस्ट
मछवारों ने इस विशाल मछली की कुछ तस्वीरें भी क्लिक की और सोशल मीडिया पर शेयर कर दीं. जब ये तस्वीरें वायरल हुई हैं, उनसे पता चला है, उन्होंने जिस 'दुर्लभ' जीव को पकड़ा है, वह एक मेलानिस्टिक एलीगेटर गार है. कहा जाता है कि यह मछली कम से कम 5 फीट लंबी होती है और इसे अपनी विशाल लंबाई तक बढ़ते जाने के लिए जाना जाता है.
क्या बोला मछुआरा
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION के अनुसार, मछुआरों में से एक, जॉर्डन ने सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें शेयर कीं. उन्होनें जानकारी मिलने के बाद अपनी ने फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को एडिट किया और लिखा, 'ठीक है ... मुझे और टेरेल ने पाया कि कल मेलेनिस्टिक गार मौजूद हैं.' जॉर्डन और मेयर ने मछली पकड़ने के बाद उसे वापस उसी नदी के दलदल में लौटा दिया.
पहली बार देखा एलीगेटर
लोटस गाइड सर्विस के मालिक जॉर्डन ने FTW आउटडोर्ड्स को बताया, 'मछली के सामने आते ही यह बहुत आश्चर्य की बात थी कि यह जेट ब्लैक थी, जिसे मैंने कभी भी किसी एलीगेटर गार में नहीं देखा था.' नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, एलीगेटर गार, मौजूदा गार प्रजातियों में सबसे बड़ी, उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी मीठे पानी की मछलियों में से हैं. वे विशेष रूप से निचली मिसिसिपी नदी घाटी में रहती हैं, जहां वे छोटी मछलियों, नीले केकड़ों, जलपक्षी और सामयिक कछुए खाती हैं.
लुप्त होने वाली है प्रजाति
अपनी प्रागैतिहासिक उपस्थिति के लिए जानी जाने वाली, यह विशाल मछली दुर्लभ और लुप्तप्राय हैं. ये आम तौर पर गहरे हरे या जैतून के रंग की होती हैं. लेकिन जो काली होती हैं, वे और भी दुर्लभ हैं. पूरी तरह से विकसित एलीगेटर गार डरावनी लग सकती है, हालांकि वे मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं हैं. लेकिन अन्य गारों की तरह, उनके अंडे लोगों के लिए जहरीले होते हैं और इन्हें नहीं खाना चाहिए. जैसा कि इनकी काली प्रजाति बहुत कम देखी जाती है, वैज्ञानिक अभी तक टेक्सास की नदियों में उनकी आबादी को ट्रैक करने या उनका दस्तावेजीकरण करने में सक्षम नहीं हैं.
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