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जेम्मा को अपनी सर्जरी से दस दिन पहले और दस दिन बाद तक आइसोलेशनमें रहना पड़ा. ऑपरेशन रोबोट तकनीक द्वारा किया गया.
कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर में तबाही मचा रखी है. इस महामारी से जूझते हुए कई लोगों की जान चली गई लेकिन ब्रिटेन की एक महिला की कोरोना ने जान बचा ली. महिला का कहना है कि न उसे कोरोना के लक्षण महसूस होते न ही वह टेस्ट कराती और न ही उसे अपनी जानलेवा बीमारी के बारे में पता चलता. अगर ऐसा होता तो उसका बचना बेहद मुश्किल था.
लॉन्ग कोविड का था अंदाजा
दरअसल ब्रिटेन के Ellesmere Port की रहने वाली 41 वर्षीय जेम्मा फैलून (Jemma Falloon) को गले में खराश महसूस हो रही थी. लेकिन वे इसे नजरअंदाज करती रहीं. इसके बाद पीठ दर्द और पेशाब में खून आने लगा. जेम्मा बुरी तरह घरा गईं, उन्हें लगा कि वे लॉन्ग कोविड से जूझ रही हैं. इसके बाद वे जांच कराने के लिए डॉक्टर के पास पहुंचीं. डॉक्टर ने उनके टेस्ट कराए. टेस्ट रिपोर्ट देख वे हैरान रह गईं.
चांज रिपोर्ट में निकली जानलेवा बामीरी
तीन बच्चों की मां जेम्मा अब कहती हैं कि 'यह कहना वाकई अजीब बात है, लेकिन कोविड ने मेरी जान बचाई है. अगर मैं काम करती रहती, छुट्टी न लेती और कोरोना के डर से टेस्ट न कराती तो उन्हें जानलेवा बीमारी के बारे में पता ही नहीं चलता.' जेम्मा ऐसा इसलिए कहती हैं क्योंकि जांच रिपोर्ट के दौरान ही उन्हें पता चला कि थायरॉयड और किडनी का कैंसर है.
थोड़ी देर और होती तो जा सकती थी जान
डॉक्टरों के मुताबिक कुछ दिनों और यरॉयड व किडनी के कैंसर का पता नहीं चलता तो जेम्मा की जान जा सकती थी. वो लगभग लास्ट स्टेज पर हॉस्पिटल पहुंचीं. कैंसर के ट्यूमर हटाने के लिए जेम्मा की तीन दौर की सर्जरी हुई. जेम्मा को अपनी सर्जरी से दस दिन पहले और दस दिन बाद तक आइसोलेशनमें रहना पड़ा. ऑपरेशन रोबोट तकनीक द्वारा किया गया.
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