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कंगाली की हालत में चल रहे श्रीलंका के एक मंत्री ने भारतीय मछुआरों को लेकर दिया जहरीला बयान

Neha Dani
8 Aug 2022 8:12 AM GMT
कंगाली की हालत में चल रहे श्रीलंका के एक मंत्री ने भारतीय मछुआरों को लेकर दिया जहरीला बयान
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हालांकि चीन उसकी बात को अभी तक नहीं माना है।

कोलंबो: चीन के जासूसी जहाज को मंजूरी देने वाले श्रीलंका के एक मंत्री ने भारतीय मछुआरों को लेकर जहरीला बयान दिया है। श्रीलंका के मत्‍स्‍य पालन मंत्री डगलस देवेंद्र ने कहा है कि वह भारत के खाद्यान दान करने के बदले में श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों को मछली पकड़ने की अनुमति नहीं देंगे। उन्‍होंने कहा कि वह भारत को श्रीलंका के समुद्री संसाधनों के शोषण की अनुमति नहीं देंगे। श्रीलंकाई मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन के जासूसी जहाज को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गया है।


श्रीलंका के मछुआरों का दावा है कि भारतीय मछुआरे बट्टालंकगुंडुवा द्वीप पर उनके समुद्री इलाके में लगातार घुसपैठ कर रहे हैं और श्रीलंका की मछलियों को लूटकर ले जा रहे हैं। भारत और श्रीलंका के बीच मछली पकड़ने को लेकर बहुत लंबे समय से विवाद रहा है। भारतीय मछुआरों और श्रीलंकाई मछुआरों के बीच पाल्‍क जलडमरू मध्‍य इलाके में अक्‍सर विवाद होता रहता है। श्रीलंकाई मछुआरों का कहना है कि तमिलनाडु के मछुआरे उनके इलाके से मछलियां पकड़ ले जाते हैं।



श्रीलंका की नौसेना ने पाल्‍क स्‍ट्रेट में भारतीय मछुआरों पर किया था हमला
अभी पिछले दिनों भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई मछली पकड़ने वालों के हमले की खबरें आई थीं। तमिलनाडु के मछुआरों ने श्रीलंका के इस हमले के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। तमिलनाडु ने बार बार आरोप लगाया है कि श्रीलंका की नौसेना पाल्‍क स्‍ट्रेट उनके मछुआरों पर हमले कर रही है या उनकी हत्‍या कर रही है। पिछले साल तीन भारतीय मछुआरे मारे गए थे। श्रीलंका के अधिकारियों ने इस आरोप का खंडन किया था। भारत सरकार ने इन हत्‍याओं का कड़ा विरोध दर्ज कराया था। श्रीलंका की सरकार ने न तो इन हत्‍याओं की जांच कराई और न ही उसकी कोई रिपोर्ट सार्वजनिक की।

कंगाल हो चुके श्रीलंका के लोगों और सरकार की मदद के लिए भारत ने 4 अरब डॉलर की मदद की है। यही नहीं भारत सरकार श्रीलंका को आईएमएफ से लोन दिलाने में भी मदद कर रही है। उधर, श्रीलंका की सरकार लगातार भारत विरोधी कदम उठा रही है। पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश छोड़कर भागने से ठीक पहले चीन के जासूसी जहाज को हंबनटोटा में आने की अनुमति दे दी। यही नहीं जब भारत ने इसका विरोध किया तो उन्‍होंने पहले इसका खंडन किया लेकिन फिर दबाव बढ़ने के बाद चीन से इस स्‍थगित करने के लिए कहा है। हालांकि चीन उसकी बात को अभी तक नहीं माना है।

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