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बाइडन के मंत्रिमंडल नियुक्तियों करने का एक खास पैगाम, इन दो नामों ने सबसे ज्यादा खींचा ध्यान

Neha Dani
24 Nov 2020 11:28 AM GMT
बाइडन के मंत्रिमंडल नियुक्तियों करने का एक खास पैगाम, इन दो नामों ने सबसे ज्यादा खींचा ध्यान
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अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने मंत्रिमंडल में जो नियुक्तियां की हैं,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने मंत्रिमंडल में जो नियुक्तियां की हैं, उनमें दो नामों ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है। इन दोनों नामों का मतलब यह समझा गया है कि बाइडन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विरासत से अपने देश को तुरंत अलग करना चाहते हैं। बाइडन ने अलाहांद्रा माखोर्केस को होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट (गृह मंत्रालय) सौंपने का फैसला किया है, जबकि जॉन केरी जलवायु मामलों के प्रभारी होंगे। माखोर्केस लातिनो समुदाय (स्पेनी भाषी आव्रजक समुदाय जो विभिन्न लैटिन अमेरिकी देशों से आकर अमेरिका में बसे हैं) से आते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में इस समुदाय को खास निशाना बनाया गया था।

ट्रंप ने 2016 में आव्रजक समुदायों को निशाना बनाते हुए चुनाव लड़ा था। अमेरिका में रहने वाले लातिनो समुदाय में सबसे बड़ा हिस्सा मेक्सिको से आए लोगों का है। ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनवाने की बात की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने इस पर काम भी शुरू करवा दिया। जिन लातिनों परिवारों के पास वैध कागजात नहीं थे, उन्हें कैंप जेलों में डाला गया। इस दौरान माताओं से अलग किए गए छोटे बच्चों को पिंजरा जैसी जगहों पर रखने की तस्वीरें दुनिया में चर्चित हुई थीं।

अब उसी लातीनो समुदाय के माखोर्केस को नया गृह मंत्री बनाया गया है। वे पहले लातीनो हैं, जो इस पद पर पहुंचे हैं। इसी विभाग के तहत आव्रजन नीति संबंधी केंद्र आता है। इस नियुक्ति का स्पेनी भाषी समुदायों और आव्रजकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया है। आव्रजकों के लिए काम करने वाले नेशनल इमिग्रेशन लॉ सेंटर की कार्यकारी निदेशक मरिलेना हिनकैपी ने इसे निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन का एक ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि इससे उनके जैसे लोग रोमांचित हैं।

मखोर्केस 60 साल के हैं। वे पहले उप गृह मंत्री और यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज के निदेशक रह चुके हैं। इस लिहाज से उन्हें सरकार में काम करने का तजुर्बा है। साथ ही उन्हें नागरिकता संबंधी मुद्दों और आव्रजकों की खास समस्याओं का ज्ञान भी है। इसलिए ये उम्मीद जताई जा रही है कि वे आव्रजन संबंधी नियमों में ऐसे सुधार करेंगे, जिससे अमेरिका में रहने वाले आव्रजकों की जिंदगी आसान हो सकेगी। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की लातिनो सदस्य जोआचिन कास्त्रो ने कहा है कि लातिनो समुदाय को गरिमा और सम्मान की जिंदगी मिले, इसे सुनिश्चित करने के प्रयासों में ये समुदाय माखोर्केस के साथ पूरा सहयोग करेगा।

बाइडन की जिस दूसरी नियुक्ति ने लोगों का ध्यान खींचा है, वे जॉन केरी हैं। जॉन केरी बाइडेन प्रशासन में जलवायु प्रभारी होंगे। केरी 2004 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार रह चुके हैं। बाद में ओबामा प्रशासन में वे विदेश मंत्री भी रहे। इतने ऊंचे कद के नेता को जलवायु का प्रभार सौंपने का यह मतलब समझा गया है कि जलवायु परिवर्तन रोकने की कोशिशें बाइडन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होंगी। जॉन केरी उस टास्क फोर्स के सह- अध्यक्ष भी थे, जो चुनाव प्रचार के दौरान बाइडन की टीम और सोशलिस्ट नेता बर्नी सैंडर्स के समर्थकों को मिलाकर बना था। टास्क फोर्स को बाइडन प्रशासन के लिए जलवायु नीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। सैंडर्स खेमे की तरफ से इस टास्क फोर्स की सह-अध्यक्ष स्टार सांसद अलेक्जेंड्रिया ओकासियो कॉर्तेज थीं।

डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन को वामपंथियों का फैलाया प्रचार मानते हैं। इसलिए जलवायु रक्षा उनके प्रशासन की प्राथमिकताओं में नहीं था। अपनी इसी सोच के कारण उन्होंने अमेरिका को जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए हुई पेरिस संधि से अलग कर लिया था। जॉन केरी पेरिस संधि के समर्थक हैं। बाइडेन ने वादा किया था कि राष्ट्रपति बनने पर वे फिर से अमेरिका को पेरिस संधि का हिस्सा बनाएंगे। केरी की नियुक्ति से माना जा रहा है कि यह काम उनकी सबसे पहली प्राथमिकताओं में शामिल है।

बाइडन ने जलवायु प्रभारी को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) में स्थान देने का फैसला किया है। पहले ये दर्जा उसे नहीं हासिल था। इस निर्णय से भी संदेश गया है कि जलवायु परिवर्तन रोकने की नीतियां बाइडन प्रशासन के लिए काफी अहमियत रखती हैँ। बाइडन की ट्रांजिशन (सत्ता हस्तांतरण) टीम की तरफ से जारी बयान में कहा गया- यह पहला मौका है जब जलवायु परिवर्तन मसले के लिए खास तौर पर नियुक्त अधिकारी को एनएससी में में जगह मिलेगी। यह इस बात का प्रतीक है कि बाइडन प्रशासन जलवायु परिवर्तन से एक तात्कालिक सुरक्षा मुद्दे की तरह निपटना चाहता है।


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