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रेडियो वेव, एक्सरे और गामा रे निकलती हैं। धरती पर आते ही ये अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट, रेडियो पर असर दिखाने लगती हैं।
वाशिंगटन: सोमवार की सुबह पृथ्वी को एक सोलर तूफान या सोलर फ्लेयर ने हिट किया। सोलर फ्लेयर काफी देर तक पृथ्वी से टकराता रहा। इसके कारण रेडियो सिग्नल में दिक्कत देखने को मिली। अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञ डॉ. तमिथा स्कोव ने चेतावनी दी थी कि सुबह 6.23 बजे दुनिया के कई हिस्सों में अगल एक घंटे में रेडियो और जीपीएस ब्लैकआईट का अनुभव हो सकता है। उन्होंने कहा था कि ये सौर तूफान विशेष रूप से एशियाई प्रशांत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, भारत और पूर्वी रूस में सिग्नल खराब कर सकता है।
स्पेस वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक ये सौर तूफान एचआर 3031 था जो सनस्पॉट से विस्फोट के कारण पैदा हुआ था। जब ये पृथ्वी से हिट किया तो करीब तीन घंटे तक रहा। ये फ्लेयर M क्लास था यानी ये मीडियम आकार का था। सामान्य तौर पर इससे कुछ समय के लिए हल्का-फुल्का रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है। हालांकि ये पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि एम- श्रेणी के सोलर फ्लेयर भी कई बार छोटे रेडिएशन तूफान ला सकते हैं।
नासा ने रिकॉर्ड किया धमाका
स्पेसवेदर ने बताया कि नासा की सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी ने स्लो मोशन धमाके को रिकॉर्ड किया है। बड़ी मात्रा में अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के कारण कुछ हिस्सों में रेडियो सिग्नल जाम हो गए। जापान और दक्षिण एशिया में 30 मेगा हर्ट्ज वाले रेडियो पर इसका असर देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक रूस में भी कुछ समय के लिए सोलर रेडियो ब्लैकआउट देखने को मिला।
क्या होता है सोलर फ्लेयर
सूर्य पर हर वक्त हलचल होती रहती है। जब सूर्य पर धमाका होता है तो बड़ी मात्रा में एनर्जी बाहर निकलती है। सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में ये एनर्जी इकट्ठा होती रहती है। धमाके के कुछ मिनटों में ये फ्लेयर सोलर मैटेरियल को हजारों लाखों डिग्री तक गर्म करते हैं, जिससे एक झटके के साथ रेडिएशन, रेडियो वेव, एक्सरे और गामा रे निकलती हैं। धरती पर आते ही ये अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट, रेडियो पर असर दिखाने लगती हैं।
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