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टीटीपी से पाकिस्तान का लेना-देना है, अफगानिस्तान का नहीं है।
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी सीमा के अंदर कोई भी अफगान शरणार्थी घुसने की कोशिश नहीं कर रहा है। जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज हैं उन्हें पाकिस्तान की सीमा को पार करने दिया जा रहा है।
पाकिस्तानी सेना के इंटरसर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आइएसपीआर) के महानिदेशक बब्बर इफ्तिखार ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान के साथ लगे बार्डर क्रासिंग और अन्य सीमा चौकियां व्यापार के लिए खुली हुई हैं। ऐसा कदम मानवीय आधार पर उठाया गया है। अनिश्चितकाल के लिए इन सीमाओं को बंद भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान से बाहर कोई सेंटर है जहां से विदेशियों को बाहर निकाला जा सकता है, तो वह पाकिस्तान ही है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान इन विदेशी नागरिकों को उनके देशों तक पहुंचाने के लिए अब तक कई उड़ानें चला चुका है। 113 उड़ानें अफगानिस्तान से पाकिस्तान आई हैं। इसमें सैन्य और वाणिज्यिक विमान भी शामिल हैं। पांच हजार विदेशियों को निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने शांति प्रक्रिया के लिए अफगानिस्तान में अपनी अहम भूमिका निभा दी है। उसने अफगानिस्तानी लोगों का हमेशा साथ दिया है।
वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीबुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान के मुद्दे को इमरान खान सरकार को सुलझाना चाहिए, अफगानिस्तान को नहीं। उन्होंने जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि टीटीपी से पाकिस्तान का लेना-देना है, अफगानिस्तान का नहीं है।
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