विश्व

फेफड़े के कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर, उपचार में मिलेगी बड़ी सफलता

Gulabi Jagat
30 April 2022 12:02 PM GMT
A relief news for patients suffering from lung cancer, there will be great success in treatment
x
फेफड़े के कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए खबर
वाशिंगटन, एएनआइ। फेफड़े के कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है। मोफिट कैंसर केंद्र के विज्ञानियों ने जांच की एक ऐसी विधि खोजी है जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी मरीज में फेफड़े का कैंसर कितना गंभीर है और किस प्रकार के अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता है। यह विधि रेडियोमिक्स यानी कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) पर आधारित है और इस शोध का प्रकाशन कैंसर बायोमार्कर्स में हो चुका है। रेडियोमिक्स के माध्यम से ट्यूमर की गतिविधियों को बारीकी से देखा जा सकेगा जिसके आधार पर रोग की गंभीरता का पता लगेगा।
मोफिट केंद्र के कैंसर महामारी विभाग से संबद्ध मैथ्यू शाबैथ का कहना है कि इस विधि से अधिक खतरे वाले मरीजों की पहचान कर चिकित्सक पता लगा सकेंगे कि किस मरीज को सहायक थेरेपी समेत अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता है। साथ ही, कम फैलने वाले ट्यूमर वाले मरीजों को सर्जरी व कैंसर के सामान्य उपचार की सलाह भी दे सकेंगे।
विज्ञानी ऐसे बायोमार्कर्स खोजने का प्रयास कर रहे हैं जो कैंसर के ट्यूमर के व्यवहार का पता लगा सकें। कई चिकित्सक मरीज के टिश्यू या रक्त के नमूने पर आधारित बायोमार्कर्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन मोफिट के अनुसंधानकर्ता रेडियोमिक विधि के आधार पर एक माडल बनाना चाहते थे।
रेडियोमिक्स विधि में मरीज की स्कैनिंग के चित्रों से जानकारी एकत्र की जाती है। जिससे कैंसर का पता लगाने, उपचार और निगरानी में मदद मिल सकती है। इसके अंतर्गत स्कैनिंग चित्रों में ट्यमूर की तीव्रता, आकार और टेक्सचर आदि अहम तथ्यों के आधार पर विज्ञानी कैंसर की गंभीरता का आकलन करते हैं। रेडियोमिक्स के आधार पर प्राप्त बायोमार्कर्स पूरे ट्यूमर को प्रदर्शित करते हैं जबकि टिश्यू या रक्त के नमूने से प्राप्त बायोमार्कर्स ट्यूमर के केवल एक अंश पर आधारित होते हैं। अभी नई विधि पर और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि इसके आधार पर चिकित्सक तय कर सकेंगे कि किन मरीजों को अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता है और किन्हें सामान्य फालोअप की जरूरत है।
Next Story