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ताइवान में संविधान संशोधन पर एक जनमत संग्रह हुआ, वोट देने की उम्र सीमा 20 से घटाकर 18 किया जाए

Neha Dani
27 Nov 2022 9:59 AM GMT
ताइवान में संविधान संशोधन पर एक जनमत संग्रह हुआ, वोट देने की उम्र सीमा 20 से घटाकर 18 किया जाए
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कि इसे पास करा दिया जाए। इसी समय संसद ने प्रस्‍तावित संशोधन को मंजूरी दी थी।
ताइपे: ताइवान में 26 नवंबर को एक जनमत संग्रह हुआ है जो संविधान में संशोधन से जुड़ा था। इस संशोधन के तहत वोटर्स की उम्र सीमा को 18 करना था जो कि अभी 20 साल है। लेकिन इस जनमत संग्रह में जरूरी वोट हासिल नहीं हो सके और इसे पास नहीं कराया जा सका। ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन चाहती थी कि दुनिया के बाकी लोकतांत्रिक देशों की ही तरह उनके देश में भी वोट देने की उम्र सीमा 18 हो। इस जनमत संग्रह में वोटर्स से उसे संशोधन को मंजूरी देने की अपील की गई थी जिसमें हर उस नागरिक को वोट देने और चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाए जो 18 साल की उम्र का हो। इस जनमत संग्रह को स्‍थानीय चुनावों के साथ ही आयोजित किया गया था। स्‍थानीय चुनावों में भी राष्‍ट्रपति की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) को हार का मुंह देखना पड़ा है।
कई वोटर्स ने कहां नो
वोट देने की उम्र सीमा से जुड़े जनमत संग्रह को पास कराने के लिए कुल योग्‍य वोटर्स की आधी संख्‍या की जरूरत थी। चुनाव आयोग के मुताबिक इस समय ताइवान में करीब 1.9 करोड़ से कुछ ज्‍यादा वोटर्स हैं। इनमें से 9,619,697 वोटर्स को इस संशोधन के लिए हामी भरनी थी। लेकिन 5,647,102 वोटर्स ने ही इसे रजामंदी दी और 5,016,427 इसके विरोध में थे। जबकि 11,345,932 वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और इनमें से भी 682,403 वोट्स अयोग्‍य घोषित कर दिए गए थे।
वोट देने में क्‍या हर्ज
अगर जनमत संग्रह पास हो जाता तो फिर ताइवान के संविधान के अनुच्‍छेद 130 को खत्‍म कर दिया जाता। छात्र संगठनों और दूसरे संस्‍थानों ने शनिवार को हुए जनमत संग्रह को उनके दशकों तक चली उन कोशिशों का हिस्‍सा बताया था जिसमें मतदान की उम्र को कम करने के लिए संवैधानिक बदलाव की मांग की जा रही थी। इन लोगों का तर्क था कि अगर लोग 18 साल की उम्र में टैक्‍स भर सकते हैं या फिर अनिवार्य सैन्‍य सेवा के लिए नाम दे सकते हैं तो फिर उन्‍हें वोट देने का अधिकार क्‍यों नहीं मिला है।
मार्च 2022 में संसद की मंजूरी
दिसंबर 2020 में ताइवान में एक संशोधन को मंजूरी मिली थी। इस संशोधन के आधार पर साल 2023 की शुरुआत से ही आपराधिक संहिता के साथ नागरिक संहिता में अधिकतम आयु 18 साल हो जाएगी। ताइवान यूथ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेसी (TYAD) ने इस जनमत संग्रह को पास कराने के लिए जमकर प्रचार किया था। मार्च 2022 से ही वह इन कोशिशों में लगा था कि इसे पास करा दिया जाए। इसी समय संसद ने प्रस्‍तावित संशोधन को मंजूरी दी थी।
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