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एक शख्स ने रेगिस्तानी द्वीप पर अकेले बिताए 29 साल, सामने आई वजह तो लोग रह गए भौचक्के

Neha Dani
2 July 2022 2:07 AM GMT
एक शख्स ने रेगिस्तानी द्वीप पर अकेले  बिताए 29 साल, सामने आई वजह तो लोग रह गए भौचक्के
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मरने के लिए जगह ढूंढना एक महत्वपूर्ण काम है और मैंने तय किया है कि यहां मेरे लिए जगह है.

एक जापानी व्यक्ति जिसे 'नेकेड हर्मिट' (naked hermit) कहा जाता है ने समाज से बचने के लिए एक रेगिस्तानी द्वीप पर 29 साल बिता दिए. इस 87 साल के बुजुर्ग का नाम मासाफुमी नागासाकी (Masafumi Nagasaki) है. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने सोतोबनारी द्वीप (Sotobanari island) पर रहने से पहले एक फोटोग्राफर के रूप में काम किया था. यह रेगिस्तानी आइलैंड एक हजार ज से अधिक चौड़ा है.

समाज के साथ नहीं रह पाए अनुकूल

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, नागासाकी ने जापान (Japan) में आधुनिक समाज के अनुकूल होने के लिए संघर्ष किया लेकिन नहीं रह पाए. ऐसे में उन्होंने किसी सुनसान जगह पर अकेले जीवन बिताने की सोची. हालांकि, जब वह इस आइलैंड पर पहुंचे तो ठीक एकवर्ष बाद ही एक तूफान में कपड़े फट गए. ऐसे में उन्होंने आगे की जिंदगी बिना कपड़ों के बिताई.

बारिश का इस्तेमाल

वह कहते हैं कि बिना कपड़ों के घूमना वास्तव में सामान्य समाज के अनुकूल नहीं है, लेकिन द्वीप पर यह सही लगता है, यह एक वर्दी की तरह है. वह खाना पकाने और बर्तनों को धोने के लिए बारिश के पानी का इस्तेमाल करते हैं. वह अक्सर परिवार से भेजे गए पैसे का उपयोग करके चावल खरीदने के लिए पास के आइलैंड पर जाते हैं.

समुद्र तट पर पाए गए बेहोश

हालांकि, वह मछली और कछुए के अंडे भी खाकर जीवन बिताते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति उनके लगाव ने उन्हें शाकाहारी बनने के लिए प्रेरित किया है. द्वीप पर अकेले रहने के दौरान एक बार सांप ने उन्हें काट लिया था, जिससे उन्हें लकवा पड़ गया. आखिरकार, एक स्थानीय मछुआरे ने 2018 में समुद्र तट पर लगभग बेहोश पड़ा हुआ पाया. उनकी देखभाल के लिए भेजे गए अधिकारियों ने बताया कि वह काफी कमजोर लग रहे थे. आखिरकार जापानी सरकार (Japanese government) ने तब उन्हें समाज में लौटने के लिए मजबूर किया.

सरकार ने दिया अपार्टमेंट

उन्हें इशिगाकी शहर में एक अपार्टमेंट दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपने नए जीवन के अनुकूल होने और दोस्त बनाने के लिए संघर्ष किया, जो कि कोविड महामारी से बदतर हो गया था. उनकी कहानी को अल्वारो सेरेजो नामक शख्स ने अपने ब्लॉग में लिखा. उन्होंने कहा कि उनका छोटा कमरा रेगिस्तानी द्वीप की तरह बन गया है, जहां वे खुद को अलग कर सकते थे, क्योंकि यह एकमात्र ऐसी जगह थी, जहां वह बिना कपड़ों के रह सकते थे और पिछले 29 सालों से स्वतंत्र महसूस कर सकते थे.

आइलैंड पर लेना चाहते हैं अंतिम सांस

नागासाकी चाहते हैं कि द्वीप उनका अंतिम विश्राम स्थल हो. मरने के लिए जगह ढूंढना एक महत्वपूर्ण काम है और मैंने तय किया है कि यहां मेरे लिए जगह है.


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