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एक नए वीडियो में अफगानिस्तान में किडनैप हुआ अमेरिकी व्यक्ति आया नजर, रिहाई के लिए लगाई गुहार

Renuka Sahu
2 April 2022 4:31 AM GMT
एक नए वीडियो में अफगानिस्तान में किडनैप हुआ अमेरिकी व्यक्ति आया नजर, रिहाई के लिए लगाई गुहार
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फाइल फोटो 

दो साल पहले अफगानिस्तान में अपहृत एक अमेरिकी व्यक्ति को एक वीडियो में परिवार से मिलने के लिए अपनी रिहाई के लिए गुहार लगाते हुए देखा जा सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दो साल पहले अफगानिस्तान (Afghanistan) में अपहृत एक अमेरिकी व्यक्ति को एक वीडियो में परिवार से मिलने के लिए अपनी रिहाई के लिए गुहार लगाते (US Citizen Kidnapped in Afghanistan) हुए देखा जा सकता है. पूर्व नौसैनिक और असैन्य ठेकेदार मार्क फ्रीरिच (Mark Frerichs), जिन्हें तालिबान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) द्वारा बंधक बनाने की बात कही जाती है, वीडियो में खुद एक काले पर्दे के सामने सीधे बैठे दिखाई देते हैं.

उनके मुताबिक वीडियो 28 नवंबर, 2021 को रिकॉर्ड किया गया था. इसमें वे कहते हैं कि उन्होंने धैर्यपूर्वक अपनी रिहाई का इंतजार किया है और 'मैं अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के नेतृत्व से पूछना चाहता हूं, कृपया मुझे रिहा करें. मुझे छोड़ दो ताकि मैं अपने परिवार के साथ फिर से मिल सकूं. शुक्रिया.' वीडियो 'द न्यू यॉर्कर' द्वारा शुक्रवार को पोस्ट किया गया था, जिसमें कहा गया है कि यह उसे अफगानिस्तान में एक अज्ञात व्यक्ति से मिला था.
एफबीआई ने प्रामाणिकता पर कुछ नहीं कहा
वाशिंगटन में एक एफबीआई प्रवक्ता ने वीडियो की प्रामाणिकता पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन फ्रीरिच की एक बहन, चार्लेन काकोरा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह वीडियो जारी करने के लिए तालिबान की आभारी हैं और कहा कि इससे उनके परिवार के उस विश्वास की पुष्टि हुई है कि उनका भाई दो साल से अधिक समय से बंधक रहने के बावजूद जीवित है.
पत्रकारों पर जुल्म कर रहा तालिबान
अफगानिस्तान में बीते साल अगस्त महीने में तालिबान शासन दोबारा लौटा था. जिसके आने के बाद से पत्रकारों की स्वतंत्रता को खत्म हो ही गई है बल्कि पिछली सरकार से जुडे़ लोगों पर भी खूब कहर बरपाया जा रहा है. यहां तालिबान के लड़ाकों ने घरों की तलाशी लेकर लोगों को मौत के घाट उतारा है. इसके साथ ही देश में महिलाओं और लड़कियों से भी उनके सभी अधिकार छीन लिए गए हैं. इसके अलावा यहां बम धमाके भी आए दिन हो रहे हैं. कभी बीच सड़क पर बम फट जाता है, तो कभी मस्जिद या खेल के मैदान में. इनमें से अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है.
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