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इस वीडियो में सूर्य की सतह पर चल रही गतिविधियां दिख रही हैं। पिछले कुछ समय से सूर्य की गतिविधियां बढ़ गए हैं।
वॉशिंगटन: अंतरिक्ष में धूमकेतु की मौत कैमरे में रेकॉर्ड हुई है। ये धूमकेतु सीधे सूर्य की ओर बढ़ता रहा और क्रैश के साथ इसका अंत हो गया। सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) पर लगे कोरोनाग्राफ्स ने इस धूमकेतु की मौत को रेकॉर्ड किया है। छह अगस्त से इसकी शुरुआत हुई। रविवार को एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें एक अपडेट वीडियो में धूमकेतु को सूरज की ओर बढ़ते और क्रैश होते दिखाया गया। स्पेसवेदर की रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरी तरह नष्ट हो चुका है।
खगोलशास्त्री टोनी फिलिप्स के मुताबिक संभावना है कि ये धूमकेतु एक 'क्रुट्ज़ सुंग्रेज़र' था, जो ऐसे धूमकेतु के परिवार से आता है जो घूमने के दौरान सूर्य की कक्षाओं के बेहद करीब आ जाते हैं। ये हालांकि एक विशालकाय धूमकेतु के टुकड़े होते हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हुए सदियों पहले टूट गए थे। कभी-कभी उन्हीं में से कोई सूर्य के बहुत करीब आ जाता है और अपनी मौत को गले लगा लेता है। हालांकि इनके क्रैश होने से कोई प्रभाव नहीं दिखता। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें से ज्यादातर का आकार कुछ मीटर से भी कम होता है।
घटना को सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) ने कैप्चर किया था, जो सूर्य के गहरे कोर से बाहरी कोरोना और सौर हवा तक का अध्ययन करती है। इसे नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मिल कर बनाया है। रविवार को जारी वीडियो में दिख रहा है कि सूर्य का खतरनाक गुरुत्वाकर्षण बल धूमकेतु को अपने अंदर खींच रहा है। थोड़ी देर में ही ये खत्म हो जाता है।
सतह पर टकराने से पहले हुआ अंत
धूमकेतु हमारे सौर मंडल के अंतिम किनारे पर ठंडे और अंधेरे वाले इलाके में बनते हैं। ये ज्यादातर बर्फ और धूल से बने होते हैं जो। ऐसे में माना जा रहा है कि ये धूमकेतु सूर्य की सतह तक पहुंच ही नहीं पाया होगा। उससे पहले ही ये सूर्य की खतरनाक गर्मी के कारण भाप बन कर उड़ गया होगा। इसके साथ ही इस वीडियो में सूर्य की सतह पर चल रही गतिविधियां दिख रही हैं। पिछले कुछ समय से सूर्य की गतिविधियां बढ़ गए हैं।
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