रूस में Sputnik V वैक्सीन के एक डोज की कीमत 10 डॉलर से भी कम, जो यहां के प्रत्येक नागरिकों के लिए फ्री होगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इस महामारी का इलाज न होने के कारण उम्मीद वैक्सीन पर टिकी है. कौन सी वैक्सीन की कीमती कितनी होगी, वैक्सीन मार्केट में कब आएगी, ये सारे सवाल लोगों के जहन में हैं. ऐसे में रूस की स्पुतनिक-5 वैक्सीन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. स्पुतनिक-5 के एक डोज की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 10 डॉलर से कम होगी. वहीं, रूस के नागरिकों के लिए ये फ्री होगी. एक व्यक्ति को वैक्सीन के दो डोज की जरूरत होगी.
रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मंगलवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. बता दें कि वैक्सीन को गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मिलकर विकसित किया है.
जनवरी से शुरू होगी डिलीवरी
स्पुतनिक-5 वैक्सीन की पहली अंतरराष्ट्रीय डिलीवरी जनवरी 2021 में विदेशी निर्माताओं के साथ मौजूदा साझेदारी के आधार पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी. उधर, क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे अंतरिम विश्लेषण के मुताबिक, पहली डोज देने के 28 बाद SputnikV 91.4 फीसदी प्रभावी रही.
आरडीआईएफ के सीईओ किरील दिमित्रिव ने कहा कि बेलारूस, ब्राजील, यूएई और भारत में क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं. परिणाम विभिन्न देशों के लिए उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि हम जनवरी तक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बातचीत कर रहे हैं.
अब तक तीन वैक्सीन बनाने का दावा कर चुका है रूस
रूस अब तक कोरोना की तीन वैक्सीन बनाने का दावा कर चुका है. उसने अगस्त में अपनी पहली वैक्सीन Sputnik V लॉन्च की थी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त 2020 को ऐलान किया था कि रूस ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है. इसके बाद पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स अचरज में पड़ गए.
वैक्सीन के दो ट्रायल इस साल जून-जुलाई में पूरे किए गए थे. इसमें 76 प्रतिभागी शामिल थे. परिणामों में 100 फीसदी एंटीबॉडी विकसित हुई थी. इसके बाद 14 अक्टूबर को दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) आई और हाल ही में रूस ने कोरोना की तीसरी वैक्सीन बनाने का दावा किया.
रूस की तीसरी वैक्सीन चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में बनाई जा रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिलने की संभावना है.