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यहां मिले धर्मस्थल पर बनी है मकड़ी-देवता की 4,200 साल पुरानी पेंटिंग

Gulabi
4 April 2021 5:53 AM GMT
यहां मिले धर्मस्थल पर बनी है मकड़ी-देवता की 4,200 साल पुरानी पेंटिंग
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दीवार पर बनी पेंटिंग

लीमा: पिछले साल पेरू के ला लिबर्टाड क्षेत्र में स्थानीय किसानों को एक प्राचीन धार्मिक स्थल के अवशेष मिले जिन पर एक बड़ा सा म्यूरल (दीवार पर बनी पेंटिंग) थी। रिसर्चर्स ने अब पता लगाया है कि यह पेंटिंग 3200 साल पुरानी है और इसमें मकड़े-देवता चाकू पकड़े हुए दिख रहे हैं। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक अनजाने में इस जगह का 60% हिस्सा किसानों के उपकरणों से खराब हो गया। अब इस स्थल को सुरक्षित करने की इजाजत दे दी गई है।


अगूस्टो एन वीज फाउंडेशन के पुरातत्व निदेशक रेग्युलो फ्रैंको जॉर्डन ने कहा कि इसे क्यूपिस्नीक सभ्यता में बनाया गया होगा और नदी के पास होने से माना जा रहा है कि जल के देवताओं की पूजा की जाती होगी। उन्होंने पेरू के अखबार ला रिपब्लिका से बताया है कि यहां हजारों साल पहले समारोह आयोजित किए जाते होंगे। यहां बने मकड़े का संबंध जल से है और यह पुरातन सभ्यता में अहम जीव था।

हो सकता है कि जनवरी से मार्च के बीच जब बारिश होती थी तो यहां विशेष समारोह आयोजित किया जाता होगा। लीमा के म्यूजियो लार्को म्यूजियम के मुताबिक इस सभ्यता में इलाके के सबसे पहले मंदिरों का निर्माण किया गया था और जानवरों, फलों, इंसानी सिरों और घरों के आकार में बर्तन बनाए जाते थे। कुछ पर मकड़े दिखते हैं जिन्हें बारिश, कृषि और बलि से जुड़े हैं। इस कॉम्प्लेक्स की रिसर्च से जुड़े पुरातत्व फेरेन कासिलो ने बताया है कि इसमें कोन के साथ दीवारें हैं।

ये ममी भले ही अच्छी हालत में नहीं मिली हैं लेकिन ग्रीको-रोमन तरीके से दफनाने के तरीके के बारे में काफी जानकारी मिलती है। माना जाता है आज जिस मंदिर की सिर्फ आकर्षक बाहरी दीवारें बची हैं, वहां कभी ओसाइरिस और आइसिस देवताओं की पूजा होती थी। माना जाता है कि यह मंदिर टोलमी IV के साम्राज्य में बनाया गया था। अलेग्जेंड्रिया ऐंटिक्विटीज के डायरेक्टर-जनरल खालेद अब अल-हमज का कहना है कि मिशन के दौरान कई अहम खोज की गई हैं। इस खोज में मिलीं ममी के मुंह के अंदर सोने की फॉइल से जीभ के आकार में बने ताबीज पाए गए हैं। माना जाता है कि मरने के बाद दूसरी दुनिया में जाने पर बोलने के लिए इनकी जरूरत पड़ती होगी।
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