रूस-यूक्रेन संकट के बीच एक सर्वेक्षण में लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने बीजिंग के इस दावे को खारिज कर दिया कि ताइवान चीन का हिस्सा रहा है।
रेडियो ताइवान इंटरनेशनल (आरटीआइ) का हवाला देते हुए ताइवान न्यूज ने इस सर्वे के नतीजे प्रकाशित किए। सर्वे में लोगों ने ताइवान के वैश्विक स्थान को सीमित करने और उसे चीनी सैन्य बल की धमकी की कोशिशें भी खारिज कर दीं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि 88.6 प्रतिशत ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति की रक्षा के लिए अन्य लोकतंत्रों के साथ घनिष्ठ सहयोग की मांग करने वाली सरकार को मंजूरी दी है।
70 प्रतिशत से अधिक ने उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को चीन में नौकरियों के लालच में आने से रोकने के विधायी प्रयासों के समर्थन में भी आवाज उठाई। 74.6 प्रतिशत लोगों ने चीन को ताइवान की सरकार के प्रति माना शत्रुतापूर्ण माना।
जनमत सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, ताइवान के 59.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीन ने ताइवान के लोगों के प्रति एक अमित्र रवैया दिखाया है। जबकि 80 प्रतिशत से अधिक ने सरकार के इस रुख को स्वीकार किया कि ताइवान का भविष्य और चीन के साथ संबंधों का विकास ताइवान की 2.3 करोड़ आबादी के निर्णय के अधीन होना चाहिए।