पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के कुर्रम जिले में भूमि विवाद के कारण हो रहे आदिवासी संघर्ष में मरने वालों की संख्या सोमवार को नौ हो गई। स्थानीय समाचार एजेंसी एआरवाई न्यूज ने इस बात की जानकारी दी। पिछले चार दिनों से अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक घायल हुए हैं।
स्थिति सामान्य होने का दिया आश्वासन
प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास के संघीय मंत्री साजिद हुसैन तुरी भी युद्धविराम कराने के लिए आदिवासी जिले में पहुंचे। उन्होंने मीडिया से कहा, "पुलिस, सेना और आदिवासी बुजुर्ग पेवार, बालिशखेल और खार कल्लाय इलाकों में युद्धरत जनजातियों के बीच युद्ध विराम कराने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा मुद्दा
तुरी ने आगे कहा कि किसी को भी क्षेत्रों में शांति को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और कहा कि सभी मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा। संघर्ष के पहले दिन, भूमि विवाद को लेकर बोहशेरा और डंडार जनजातियों के हथियारबंद लोगों के बीच हुई गोलीबारी में पांच लोग मारे गए थे और 30 अन्य घायल हो गए थे।
घायलों की हालत गंभीर
स्थानीय मीडिया जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद, रविवार को कुर्रम आदिवासी जिले के विभिन्न इलाकों में जनजातियों के बीच फिर से झड़प होने पर दो और लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को जिला मुख्यालय अस्पताल, पाराचिनार और सद्दा अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
युद्ध को रोकने के हर संभव प्रयास जारी
कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर सैयद सैफुल इस्लाम शाह और जिला पुलिस अधिकारी मोहम्मद इमरान ने कहा कि जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा आदिवासी प्रमुखों के साथ मिलकर युद्ध विराम सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पहले भी हुई ऐसी घटना
स्थानीय मीडिया एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह की एक घटना मई में दर्रा आदमखेल कोहाट में भी हुई थी, जहां दो जनजातियों के बीच खूनी संघर्ष में 16 लोग मारे गए थे। कोयला खदानों के सीमांकन को लेकर सुनीखेल और अखोरवाल के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।