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समुद्र से मिला 70 साल पुराना भारतीय खजाना, जानें किसने किया खोज

Triveni
11 Jan 2021 10:18 AM GMT
समुद्र से मिला 70 साल पुराना भारतीय खजाना, जानें  किसने किया खोज
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'सोने की चिड़‍िया' नाम से पूरी दुनिया में मशहूर भारत को अंग्रेजों ने किस कदर लूटा, उसका सबसे बड़ा उदाहरण एसएस गेरसोप्‍पा जहाज है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| 'सोने की चिड़‍िया' नाम से पूरी दुनिया में मशहूर भारत को अंग्रेजों ने किस कदर लूटा, उसका सबसे बड़ा उदाहरण एसएस गेरसोप्‍पा (SS Gairsoppa) जहाज है. पुरातत्‍व विभाग ने समुद्र के अंदर से डूबा हुआ एसएस गेरसोप्‍पा जहाज ढूंढ निकाला, जिसमें 14 अरब रुपये की कीमत की चांदी मिली. बता दें कि जब एसएस गेरसोप्‍पा शिप चांदी लेकर दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान भारत के तत्कालीन कलकत्‍ता से ब्रिटेन जा रहा था, तब यह शिप रास्ते में ही समुद्र में डूब गया था. जानिए भारत के कीमती खजाने की पूरी कहानी...

डेली एक्‍सप्रेस के मुताबिक, दिसंबर 1940 को दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भारत से ब्रिटेन जा रहे एसएस गेरसोप्पा शिप का ईंधन रास्ते में ही खत्म हो गया था. एसएस गेरसोप्‍पा शिप भारत से चांदी लेकर ब्रिटेन के आयरलैंड जा रहा था. इस बीच एसएस गेरसोप्पा शिप पर एक जर्मन यू बोट ने अटैक कर दिया था. जिसकी वजह से शिप समुद्र में डूब गया था.
उस समय एसएस गेरसोप्‍पा शिप पर 85 लोग मौजूद थे, जिनकी मौत हो गई थी. शिप डूबने के साथ ही भारत का ये खजाना समुद्र के अंदर चला गया था. दूसरे विश्वयुद्ध में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होने के बावजूद भारतीयों को बहुत नुकसान हुआ था.
फिर साल 2011 में पुरातत्‍व विभाग ने समुद्र के अंदर से डूबा हुआ एसएस गेरसोप्‍पा जहाज ढूंढ निकाला था. इस शिप से 14 अरब रुपये की कीमत की चांदी मिली थी. इस कीमती चांदी को खोज निकालने वाली टीम ओडसी मरीन ग्रुप के रिसचर्स ने बताया कि वो शिप से करीब 99 प्रतिशत चांदी निकाल चुके हैं. ओडसी मरीन ग्रुप के अधिकारी ग्रेग स्‍टेम ने कहा कि समुद्र में डूबे हुए शिप से चांदी निकालना बहुत मुश्किल था. चांदी को एसएस गेरसोप्‍पा शिप में एक छोटे कंपार्टमेंट में रखा गया था, वहां पहुंचना बहुत मुश्किल था
दरअसल जर्मनी ने ऐसा इसलिए क्योंकि वो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान समुद्री रास्ते से हो रहे ब्रिटेन के बिजनेस को रोकना चाहता था, जिससे कि उसे कमजोर किया जा सके. गौरतलब है कि उस वक्त ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल को भी यही डर सता रहा था. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बीच स्थित अटलांटिक महासागर के ज्यादातर हिस्से को जर्मनी की नेवी ने अपने कब्जे में ले लिया था. किसी भी देश का जहाज उस दौरान जर्मनी की नेवी की नजर से नहीं बच सकता था.
बता दें कि एसएस गेरसोप्‍पा शिप में चांदी समेत 7 हजार टन वजन का और सामान भी था. इसमें लोहा और चाय लदा था. जर्मनी की नेवी ने जब एसएस गेरसोप्‍पा शिप पर हमला किया तो वो 8 नॉट की स्पीड से चल रहा था. हमले के बाद ये शिप सारे सामान के साथ समुद्र में डूब गया था


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