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मालिया में आने वाले दिनों में 67 लाख लोगों को खाद्य सहायता की जरूरत होगी

Rounak Dey
17 Oct 2022 8:42 AM GMT
मालिया में आने वाले दिनों में 67 लाख लोगों को खाद्य सहायता की जरूरत होगी
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सोमालिया में 7.1 मिलियन लोग भूखे हैं और यह बात हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कही गई है।
मोगादिशू: 16 अक्‍टूबर को दुनिया ने विश्‍व खाद्यान्‍न दिवस मनाया और इस मौके पर सोशल मीडिया पर लोगों ने लंबी-चौड़ी पोस्‍ट्स लिखीं और बड़ी-बड़ी बातें कहीं। लेकिन किसी ने भी अफ्रीका के एक देश सोमालिया पर ध्‍यान नहीं दिया। जब दुनिया फेसबुक और टि्वटर पर वर्ल्‍ड फूड डे पर पोस्‍ट्स लिखने में बिजी थी, उस समय सोम‍ालिया में एक दो साल का बच्‍चा भूख की वजह से दम तोड़ रहा था। सोमालिया के एक अस्‍पताल में एक बच्‍चे की मौत तब हुई जब वह ठीक होने लगा था। इस खबर ने कई लोगों का दिल तोड़ दिया है।
मां की उम्‍मीद खत्‍म
4.6 किलोग्राम और दो साल का अब्‍दीवाली अब्‍दी सोमालिया के डोलॉओ स्थित एक सरकारी अस्‍पताल में भर्ती था। उसकी मां को उम्‍मीद थी कि एक दिन उनका बेटा ठीक होकर उनके साथ घर जाएगा। किसी नवजात के बच्‍चे जितने वजन वाला अब्‍दी अब इस दुनिया में नहीं हैं। मां के पास दो महीने की बच्‍ची है और उसे लेकर ही वह अपने बच्‍चे के ठीक होने का इंतजार करती रहीं। उसे खिलाने के लिए और उसका पेट भरने के लिए भोजन तक नहीं था।
डॉक्‍टरों की कोशिशें फेल
अस्‍पताल की सीनियर नर्स और डॉक्‍टर तक को भरोसा था अब्‍दी ठीक हो जाएगा। लेकिन बाढ़, तमाम बीमारियों और कुपोषण ने उम्‍मीदों पर पानी फेर दिया। सोमालिया, पूर्वी अफ्रीका का वह देश है जो पिछले 40 सालों से बाढ़ का सामना कर रहा है। अब्‍दी की 22 साल की मां हावा ने बताया कि उनके घर में खाने को कुछ नहीं था और पड़ोसी ही उनकी मदद कर रहे थे। अपने बेटे को रोजाना कमजोर होते, बुखार और डायरिया का सामना करते वह देखती रहीं।
CPR भी नहीं आया काम
अब्‍दी की तबियत खराब होती चली गई। उसका बुखार बढ़ गया और डॉक्‍टरों को समझ नहीं आया कि कैसे उसकी जान बचाई जाए। उन्‍होंने अब्‍दी को फॉयल से बने एक थर्मल कंबल में लपेटा। अब्‍दी के दिल की धड़कन कुछ समय बाद थम गई। डॉक्‍टरों ने उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचाने की कोशिश की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मां-बाप करीब खड़े होकर अपने जिगर के टुकड़े को मरता हुआ देखते रहे।
बाढ़ की वजह से सिर्फ अब्‍दी ही नहीं उसके जैसे कई बच्‍चों की स्थिति ऐसी है। डॉक्‍टरों का कहना है कि वो कई बच्‍चों की जान बचा चुके हैं लेकिन अब स्थितियां बिगड़ती जा रही हैं। नन्‍हें बच्‍चों को ऐसे भूख से मरता देखना उनके लिए काफी दर्दनाक है। अब्‍दी के पिता यह कहते हुए खुद को दिलासा देते हैं, 'एक दिन सबको मरना है।'
बद से बदतर हालात
यूनाइटेड नेशंस की तरफ से दी गई वॉर्निंग के मुताबिक सोमालिया में आने वाले दिनों में 67 लाख लोगों को खाद्य सहायता की जरूरत होगी। यह कुल आबादी का करीब 40 फीसदी है। यूके की तरफ से देश को 223 मिलियन डॉलर की सहायता दी गई है। साल 2017 से यह मदद जारी है। हालांकि इस साल इस आंकड़ें का आधा ही देश को मिल सका है। सोमालिया में 7.1 मिलियन लोग भूखे हैं और यह बात हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कही गई है।

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