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उनका कहना है कि मैं इतने लंबे समय से दर्द में हूं, मुझे बस इसकी आदत है. इसके लिए मैं दवाईयां लेता हूं.
बॉडी बिल्डिंग की दुनिया का शायद की कोई शख्स हो, जो रॉनी कोलमैन को न जानता हो. दुनिया भर में द किंग के नाम से मशहूर रॉनी का शरीर किसी फौलाद से कम नहीं था. वह लोगों के लिए एक फिटनेस आइकन बन गए. हालांकि, अब उनको व्हीलचेयर पर जिंदगी काटनी पड़ रही है.
फिटनेस आइकन रॉनी को अब तक का सबसे बेहतरीन बॉडी बिल्डर माना जाता है. उन्होंने पहली बार 1998 में इंटरनेशनल बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में भाग लिया था. तब से लगातार आठ वर्षों तक मिस्टर ओलंपिया का खिताब अपने नाम किया.
रॉनी के साथी केविन लेवरोन कहते हैं कि जब उनकी फिटनेस चरम पर थी, तब उनकी ताकत इंसानों जैसी नहीं लगती थी. उनके पास भगवान का दिया गिफ्ट है. रॉनी जब अंतरराष्ट्रीय पटल पर लगातार झंडा फहरा रहे थे, तब उनको द किंग का उपनाम मिला था. उनकी छाती 60 इंच की है. वहीं, कमर का माप 36 इंच है. इसके अलावा उनका बाईसेप्स 24 इंच, जबकि जांग 36 इंच का है.
लेकिन फिटनेस की दुनिया तब दुखी हो गई जब उनको पता चला कि 50 वर्षीय रॉनी अब बिना सहायता के नहीं चल सकते हैं. रोनी के उत्थान और पतन की कहानी डॉक्यूमेंट्री रोनी कोलमैन: द किंग में शेयर की गई है, जो वर्तमान में नेटफ्लिक्स पर दिखाई दे रही है.
रॉनी का कहना है कि ये हेल्थ प्रॉब्लम पीठ और कूल्हों की सर्जरी का परिणाम हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यह फिटनेस ट्रेनिंग से भी उनके शरीर पर काफी प्रभाव पड़ा है. 1964 में लुइसियाना में जन्मे रोनी ने 1984 में ग्रैम्बलिंग स्टेट यूनिवर्सिटी से एकाउंटेंसी की डिग्री हासिल की. वह बाद में टेक्सास चले गए और अर्लिंग्टन में एक पुलिस अधिकारी बन गए.
इस दौरान एक साथी अधिकारी ने उन्हें मेट्रोफ्लेक्स जिम में शामिल होने के लिए राजी किया और मिस्टर टेक्सास प्रतियोगिता में भाग लेने के बदले में, कोलमैन को एक मुफ्त जिम सदस्यता की पेशकश की गई. वह छोटी उम्र से ही पीठ की समस्याओं से जूझ रहे थे.
उन्होंने कहा कि हर्नियेटेड डिस्क से जूझते हुए वर्कआउट किया और लगातार कई प्रतियोगिताएं जीतीं. इसके बाद उनकी पीठ का ऑपरेशन करना पड़ा. उनका कहना है कि मैं इतने लंबे समय से दर्द में हूं, मुझे बस इसकी आदत है. इसके लिए मैं दवाईयां लेता हूं.
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