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काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में जान गंवाने वाले छह बच्चों के परिवार ने अमेरिकी सेना से आईएस-के से अपने संबंधों के सुबूत मांगे हैं। अमेरिका कहता रहा है कि उसने आईएस का साथ देने वालों पर यह हमला किया था।
काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में जान गंवाने वाले छह बच्चों के परिवार ने अमेरिकी सेना से आईएस-के से अपने संबंधों के सुबूत मांगे हैं। अमेरिका कहता रहा है कि उसने आईएस का साथ देने वालों पर यह हमला किया था।
अमेरिकी जनरल और जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन मार्क मिले ने कहा है कि ड्रोन हमले में मारे गए कुछ लोग आईएस का साथ दे रहे थे। व्हाहट हाउस ने कहा, हमले में स्थानीय लोगों की मौत की जांच चल रही है।
अधिकारियों के अनुसार, कार्रवाई के दौरान एक वाहन में धमाका होने के कारण स्थानीय लोगों की जान गई है। रमल अहमदी ने बताया, भतीजे के साथ कार्टून देख रहा था। बड़ा भाई कार से आया तो छहाें बच्चे हंसते हुए कार की तरफ दौड़े तभी धमाका हुआ। धमाके में छह बच्चों के साथ मेरे परिवार के कुल दस लोग मारे गए। तब से मेरा दिमाग स्थिर नहीं है।
कार में विस्फोटक होना साबित करो
अहमदी परिवार का कहना है कि कार में विस्फोटक था, इसका सुबूत अमेरिकी सेना दे। कार बच्चों के खून से लथपथ थी। अगर कार में बम था तो सबके चिथड़े क्यों नहीं उड़े। बगल की दीवार धमाके में जमींदोज क्यों नहीं हो गई। चार अहमदी भाइयों के 25 सदस्यीय परिवार में दस लोग खत्म हो चुके हैं।
खुफिया सूचना पर हमला
अमेरिकी सेना का कहना है कि खुफिया सूचना के बाद हमला हुआ। खुफिया तंत्र को ऐसे इनपुट व वीडियो मिले थे कि लोग कार में विस्फोटक लाद रहे थे। वहीं, अहमदी परिवार का कहना है कि हमले में मारे गए दो भाई अमेरिका के लिए काम करते थे। वे अमेरिका भी जाना चाहते थे, लेकिन अमेरिका ने उनकी जान ले ली।
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