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इस साल मई तक कनाडा की ओर से 595 भारतीय अध्‍ययन परमिट आवेदन खारिज : आईआरसीसी डाटा

jantaserishta.com
29 Jun 2023 3:47 AM GMT
इस साल मई तक कनाडा की ओर से 595 भारतीय अध्‍ययन परमिट आवेदन खारिज : आईआरसीसी डाटा
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नई दिल्ली: आप्रवासन शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2018 से मई 2023 के बीच भारत से कुल 7,528 अध्ययन परमिट आवेदनों को गलत बयानी, झूठे या परिवर्तित दस्तावेजों को शामिल करने के कारण कनाडाई अधिकारियों द्वारा खारिज कर दिया गया था।
आईएएनएस के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल की शुरुआत में, भारतीय छात्रों के कुल 595 आवेदन, इनमें एक्सटेंशन भी शामिल थे, 31 मई तक अस्वीकार कर दिए गए। एक ही महीने में गलत बयानी के 195 मामले सामने आए। गलत बयानी में असत्य, भ्रामक या अधूरी जानकारी शामिल है। नई दिल्ली में कनाडा उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, "कनाडा सरकार किसी भी प्रकार की नागरिकता या आव्रजन धोखाधड़ी को गंभीरता से लेती है। हम अपने आव्रजन नियमों को बनाए रखने और धोखाधड़ी और गलत बयानी के खिलाफ अपने सिस्टम की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर आवेदन A40(1)(a) के तहत खारिज कर दिए गए। कनाडाई आप्रवासन कानून में, गलतबयानी को आप्रवासन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम की धारा 40(1)(ए) में परिभाषित किया गया है। ग़लतबयानी के उदाहरणों में परिवार के किसी सदस्य का उल्लेख न करना, पारिवारिक स्थिति में परिवर्तन का उल्लेख नहीं करना; या अन्य बातों के अलावा, रोज़गार अनुभव की घोषणा करने वाला ग़लत दस्तावेज़ प्रदान करना शामिल है।
हाल ही में, सैकड़ों भारतीय छात्रों को कनाडा से निष्कासन का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके अध्ययन परमिट आवेदन में प्रस्तुत दस्‍तावेज गलत पाए गए। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के योगदान को स्वीकार करते हुए, कनाडा के आप्रवासन मंत्री सीन फ्रेज़र ने घोषणा की कि वास्तविक छात्रों को अस्थायी निवासी परमिट जारी किया जाएगा। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ध्यान उन लोगों की पहचान करने पर है, जो धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार हैं, न कि उन लोगों को दंडित करने पर, जो धोखाधड़ी से प्रभावित हो सकते हैं।
कनाडाई उच्चायोग ने आईएएनएस को यह भी बताया कि आव्रजन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम और नागरिकता अधिनियम के लिए आवश्यक है कि जो लोग सशुल्क आव्रजन या नागरिकता सलाह या प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं उन्हें "अधिकृत" किया जाए। उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा। इस वर्ष जारी आईआरसीसी डेटा के अनुसार, 226,450 छात्रों के साथ, 2022 में इस उत्तरी अमेरिकी राष्ट्र में आनेे वाले नए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारत के छात्रों की संख्‍या सबसे अधिक रही। आव्रजन से जुड़ेे देश केे प्राथम‍िक विभाग ने घोषणा की थी कि पिछले साल कुल अध्‍ययन परमिट धारकों में 35 प्रतिशत भारतीय नागरिक थे। दुनिया में सबसे बड़े पंजाबी प्रवासी का घर, कनाडा पंजाब के छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान है, जो कनाडा में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय समूह बनाते हैं। कनाडाई अध्ययन वीज़ा इन छात्रों को पांच से छह वर्षों के भीतर स्थायी निवास तक आसान मार्ग प्रदान करता है।
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